कमल जगाती
नैनीताल-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी जेल में बन्द कैदियों के एच.आइ.वी.पॉजिटिव की देखरेख और उनके ट्रीटमेंट को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने राज्य सरकार सहित आई.जी.जेल को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है, साथ ही न्यायालय ने निर्देश दिए हैं कि एच.आइ.वी.संक्रमित कैदियों को अलग से रखा जाए और उनपर विशेष निगरानी रखते हुए उनकी देखरेख की जाए। न्यायालय ने आई.जी.जेल से यह पूछा है कि जेल में ड्रग्स की सप्लाई कहाँ से हो रही है, इसे गम्भीरता से लें। मामले की सुनवाई के लिए न्यायालय ने 28 जून की तिथि निहित की है।
मामले के अनुसार समाधान एन.जी.ओ.कृष्णा विहार देहरादून ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि नैनीताल की हल्द्वानी जेल में 44 कैदी एच.आइ.वी.पॉजिटिव मिले हैं जिन्हें उचित देखभाल की जरूरत है। समाधान संस्था का यह भी कहना है कि इन कैदियों को अन्य कैदियों से अलग रखा जाए और इनका स्वास्थ्य परीक्षण कराकर इनके उचित इलाज की व्यवस्था की जाने के साथ ही सभी एच.आई.वी.पॉजिटिव कैदियों के स्वास्थ्य पर विशेष नजर रखी जाए। जनहीत याचिका में यह भी कहा गया है कि कैदियों को बंदी गृह में लाने से पहले उनकी एच.आई.वी.की जाँच की जाय, जिससे की अन्य कैदियों को संक्रमण न फैले। जेल में ड्रग्स की सफ्लाई करने वालों पर कड़ी नजर रखी जाए।