कभी है जिन्दगी में गम,कभी है हर खुशी देखो। मिलेगा न सब कुछ हरदम,यही है जिन्दगी देखो। तुम्हारे शब्दों से ही तो,यहाँ...
अधर्म का धर्म पर जहाँ में,हो रहा अब राज।क्यों नहीं उठकर करें यहाँ, लोग अधर्म विनाश। एक अकेला खड़ा हुआ है,देता सच...
सर उठा और पग बढ़ा ,किस सोच में है तू खड़ा।देख कर कठिनाइयों को,तू क्यों डरा, तू क्यों डरा। मन्जिलें हैं अब...