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टिहरी झील बनी अंतरराष्ट्रीय खेल गंतव्य! भारत ने जीते 47 पदक
उत्तराखंड की टिहरी झील में इंटरनेशनल प्रेसिडेंट कप का शानदार समापन। भारत 47 पदकों के साथ सिरमौर, सर्बिया और कजाकिस्तान दूसरे-तीसरे स्थान पर। CM धामी ने किया सम्मान। पढ़ें पूरी खबर।
टिहरी। उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध टिहरी झील में आयोजित इंटरनेशनल प्रेसिडेंट कप और चतुर्थ टिहरी वाटर स्पोर्ट्स-2025 कप का शानदार समापन हो गया है। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भारतीय टीम ने ज़बरदस्त प्रदर्शन करते हुए 18 स्वर्ण सहित कुल 47 पदक जीतकर ख़िताब अपने नाम किया और प्रतियोगिता की सिरमौर बनी। इस जीत ने टिहरी झील को अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर मज़बूती से स्थापित कर दिया है।
प्रतियोगिता में सर्बिया की टीम 5 स्वर्ण पदकों सहित कुल 7 पदक जीतकर दूसरे स्थान पर रही, जबकि कजाकिस्तान ने 4 स्वर्ण और कुल 10 पदक प्राप्त कर तीसरा स्थान हासिल किया। रविवार को कोटीकाॅलोनी में आयोजित समापन समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजेता खिलाड़ियों और टीमों को मेडल देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि अब टिहरी झील वास्तव में अंतरराष्ट्रीय साहसिक खेल का बड़ा गंतव्य बन गई है।
सीएम धामी ने भरोसा जताया कि आने वाले समय में इस झील पर ऐशियन, कॉमनवेल्थ और यहाँ तक कि ओलंपिक की जलक्रीड़ा प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा सकेंगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार टिहरी झील को केंद्र में रखकर 1200 करोड़ रुपये से अधिक की एडीबी सहायतित टिहरी लेक प्रोजेक्ट जैसी कई योजनाएं चला रही है, जिससे इस क्षेत्र की दशा पूरी तरह बदल जाएगी। सरकार खेलों के लिए अनुकूल इको सिस्टम तैयार कर रही है।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय स्तर पर भारत की खेल उपलब्धियों का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि चीन में हुए ऐशियाई खेलों में भारत ने रिकॉर्ड 107 पदक जीते हैं। मोदी सरकार ने खेल बजट को तीन गुना बढ़ाया है। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तराखंड को देवभूमि के साथ-साथ खेल भूमि बनाने के लिए सरकार ने नई खेल नीति लागू की है। साथ ही, पदक विजेताओं को नौकरी, देवभूमि द्रोणाचार्य अवार्ड और खेलों में 4 प्रतिशत सरकारी नौकरी कोटा जैसे बड़े निर्णय लिए गए हैं। यह सब प्रदेश में विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की दिशा में उठाए गए कदम हैं।
