पहाड़ी क्षेत्र को मुख्य धारा में लाने के लिये गैरसैण जरूरी: शिवराज बनौला
द्वाराहाट (अल्मोड़ा)। आज राज्य आंदोलनकारियों की रथ यात्रा कफडखान, बसोंली, ताकुला, सोमेश्वर होते हुए द्वाराहाट पहुँची । नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए ब्रह्मानंद डालाकोटी ने कहा कि विकराल रुप धारण कर चुकी आवारा पशुओं, बंदरों, सुवरों की समस्या को सरकार गंभीरता से ले। सरकार अभियान चलाकर जंगली जानवरों का निदान करे। इनके आंतक से ग्रामीण, कस्बाई,शहरी सभी क्षेत्रों में रहने वाले लोग परेशान है। सूखे के हालातों को देखते हुए सरकार किसानों का ऋण माफ करे।
शिवराज बनौला के कहा कि सरकार सस्ते गल्ले की दुकानों में सबको पर्याप्त राशन के साथ साथ गर्मी में पेयजल की आपूर्ति के अभी से पुख्ता प्रबंध करे। शिक्षा के मामले में भिन्न -भिन्न प्रयोग करने के स्थान पर राज्य सरकार को सबको समान शिक्षा की नीति बनाते हुए सभी विद्यालयों में एक समान पाठ्यक्रम एक ही माध्यम से पढ़ाने की ब्यवस्था करनी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र के किसी भी विद्यालय को कम संख्या के आधार पर बंद करने की नीति को समाप्त करे ।
राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि विकास के क्षेत्र राज्य बनने के बाद भी निरंतर पिछड़ते जा रहे पर्वतीय क्षेत को मुख्य धारा में लाने के लिए जहां गैरसैण से राजधानी का संचालन जरूरी है, वहीं पर्वतीय क्षेत्र को पिछड़ा क्षेत्र घोषित कर, लोकसभा क्षेत्रों, विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन भौगोलिक आधार पर करना भी ज़रूरी हो गया है।
रथयात्रा में गोपाल सिंह बनौला, दिनेश शर्मा, दौलत सिंह बगड़वाल, राम सिंह विशम्भर पेटशाली, तारा राम, पूरन सिंह बनौला, कुन्दन सिंह बनौला, देवनाथ, डुंगर सिंह रावत, हरीश आगरी, धरम सिंह मेहरा, ठाकुर सिंह मेहरा, गोपाल गैडा, लछम सिंह बनौला, बहादुर राम, कैलाश राम, सुन्दर राम, सुन्दर सिंह बनौला, नन्दन सिंह बनौला आदि शामिल रहे।