उत्तराखण्ड
हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले, पहले दिन 4500 से अधिक श्रद्धालुओं ने टेका मत्था
ज्योतिर्मठ (चमोली)। सिख श्रद्धालुओं के पवित्र तीर्थस्थल श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के कपाट रविवार को विधिवत रूप से खोल दिए गए। कपाट खुलते ही देशभर से आए श्रद्धालुओं में उत्साह और आस्था का दृश्य देखने को मिला। पहले ही दिन करीब 4500 श्रद्धालुओं ने पवित्र हिम सरोवर में स्नान कर दरबार साहिब में मत्था टेका।
रविवार सुबह घांघरिया से पंच प्यारों की अगुवाई में पहला जत्था संगतों के साथ हेमकुंड साहिब के लिए रवाना हुआ। गुरुद्वारे पर पहुंचने पर गढ़वाल स्काउट ने धार्मिक धुनों के साथ श्रद्धालुओं का स्वागत किया। कपाट खोलने की प्रक्रिया सुबह साढ़े नौ बजे प्रारंभ हुई। पौने दस बजे सचखंड से गुरुग्रंथ साहिब को बाहर लाया गया और ठीक 10 बजे मुख्य ग्रंथी मिलाप सिंह ने गुरुग्रंथ साहिब को दरबार साहिब में सुशोभित किया।
इस अवसर पर कुलवंत सिंह ने सुखमनी साहिब का पाठ किया। साढ़े ग्यारह से साढ़े बारह बजे तक संगतों द्वारा सबद कीर्तन किया गया और फिर साढ़े बारह बजे वर्ष की पहली अरदास की गई। दोपहर एक बजे वर्ष का पहला हुक्मनामा लिया गया, जिसके साथ आधिकारिक रूप से हेमकुंड साहिब यात्रा का शुभारंभ हुआ।
पूरे मार्ग पर श्रद्धालु “जो बोले सो निहाल” के जयघोष करते हुए बढ़ते नजर आए। ट्रस्ट अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा ने हेमकुंड साहिब का ट्रैक बनाने में सहयोग देने वाले सेना के नार्दन कमांड के मेजर जनरल सीजे चंद्रन, ब्रिगेडियर एमएस ढिल्लन और अन्य सदस्यों को सरोपा भेंट कर सम्मानित किया।
मुख्य प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में घी का बना हुआ हलवा वितरित किया गया। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और यात्रा के सुचारू संचालन के लिए पुलिस और प्रशासन की टीमें तैनात की गई हैं। प्रदेश के पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए उनकी सुरक्षित और पुण्य यात्रा की कामना की।
