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उत्तराखण्ड

लघु फिल्म ‘गंगा-द डॉटर ऑफ हिमालया’ का प्रदर्शन, पर्वतारोही देवयानी पर बनी है फिल्म 

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नई दिल्ली। फिल्मकार भरतबाला उत्तराखंड शृंखला पर सात लघु फिल्में बना रहे हैं। इन्हीं फिल्मों की पहली कड़ी में उभरती पर्वतारोही डॉ. देवयानी सेमवाल की जीवनयात्रा पर आधारित लघु फिल्म ‘गंगा द डॉटर ऑफ हिमालया ‘का बुधवार को यहां कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में पहला प्रदर्शन किया गया।

लघु फिल्म की प्रीमियम स्क्रीनिंग शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आएगी। यह फिल्म हिमालय के माध्यम से देवयानी की यात्रा, प्रकृति की अद्वितीय सुंदरता, मानव आत्मा की प्रतिरोधक शक्ति और पहाड़ों व नदियों के बीच के पवित्र रिश्ते को दर्शाती है।
इस अवसर पर वर्चुअल भारत के संस्थापक व फिल्म निर्माता भरत बाला ने बताया कि वे भारत की पांच हजार साल पुरानी सभ्यता, कला, संस्कृति, वास्तुकला, संगीत, लोककथा और परम्परा की अनकही कहानियों को एक हजार फिल्मों के जरिए सिनेमा के कैनवास पर प्रदर्शित करने पर काम कर रहे हैं। गंगा द डॉटर ऑफ हिमालया वर्चुअल भारत की पहली ऐसी लघु फिल्म है, जो पर्वतारोही देवयानी की हिमालय के बर्फ से ढके क्षेत्रों की महाकाव्यात्मक खोजी यात्रा को बयां करती है। यह फिल्म गंगोत्री की तलहटी में बसे गांव मुखबा में पली-बढ़ी देवयानी और गंगा नदी के गहरे सम्बन्धों की दर्शाती है।  दुनिया की सबसे ऊंची चोटियों को फतह करने के लिए दृढ़ संकल्पित देवयानी जो गंगोत्री की तलहटी में ही बसे एक शांत हिमालयी गांव मुखबा में पली-बढ़ी है। माउंट किलिमंजारो के बाद उसकी नजर माउंट एवरेस्ट और प्रसिद्ध सात शिखरों पर केंद्रित हो जाती है। अज्ञात परिस्थितियों का सामना करने से पहले वह आत्मनिरीक्षण करती है और आंतरिक शक्ति व प्रवाह को अपने भीतर तलाशती है। यह आध्यात्मिक यात्रा मुखबा की देवी गंगा नदी के साथ जुड़ती है। यही देवयानी की आंतरिक पुकार को आकार देती है। गोमुख की मुख्यधारा को नमन करते हुए वह तपोवन की ओर बढ़ती है। तपोवन यानी तपस्या का वन। माउंट शिवलिंग का वह शिखर जहां हिम मुकुट आकाश को भेदता नजर आता है, वहां देवयानी अपनी मौलिक शक्तियों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी ऊंचाइयों को विजित करने को तैयार होती है। 
17 नवम्बर को आएगी ‘वूमन ऑफ मुनसियारी’ 
भरतबाला के निर्देशन में वर्चुअल भारत की ओर से रूरल इंडिया सपोर्टिंग ट्रस्ट (आरआईएसटी) के सहयोग से उत्तराखंड पर आधारित सात फिल्मों की श्रंखला तैयार की गई है। इसके तहत आगामी 17 नवम्बर को फिल्म ‘वूमन ऑफ मुनसियारी’ के प्रदर्शन के साथ उत्तराखंड की संस्कृति, परम्परा और समुदाय की जीवन शक्ति, समृद्धि पर आधारित पांच और फिल्मों का अनावरण किया जाएगा। 
एक हजार लघु फिल्में बना रहे हैं हैं भरतबाला
वर्चुअल भारत के दूरदर्शी संस्थापक के रूप में 1000 फिल्मों की श्रृंखला लेकर आने वाले हैं। इन फिल्मो के जरिए वे भारत की पॉच हजार साल पुरानी सभ्यता, कला, संस्कृति, वास्तुकला, संगीत, लोककथा और परंपरा की अनकही कहानियों को सिनेमाई कैनवास पर जादुई ढंग से प्रदर्शित करने जा रहे हैं। प्रीमियर प्रीव्यू के अवसर पर भरतबाला के अलावा पर्वतारोही डॉ. देवयानी सिमवाल, फिल्म के संगीतकार पवित्रा चारी व गायिका सौम्या गुरुचरण भी मौजूद थे।

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