(कमल जगाती)
नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने देहरादून की सहस्त्रधारा रोड के चौडीकरण में उच्च न्यायालय के विस्तृत आदेश का अनुपालन नहीं करने पर न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने तत्कालीन लोक निर्माण सचिव आर.के.सुधांशु और सहायक अभियंता धीरेंद्र कुमार को कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर अवमानना नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 20 दिसम्बर की तिथि नियत की है।
मामले के अनुसार देहरादून निवासी आशीष गर्ग ने पूर्व में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उन्होंने देहरादून के सहस्त्रधारा रोड के चौड़ीकरण में सौ पेड़ो के कटान का विरोध किया था। उन्होंने इसे उच्च न्यायलय में चुनौती दी। न्यायलय ने आदेश पारित करते हुए कहा था कि यूकेलिप्टिस के पेड़ो का तो पातन किया जा सकता है, परन्तु अन्य सभी फलदार वृक्षों का ट्रांसप्लांट किया जाएगा। यह आदेश तत्कालीन लोक निर्माण विभाग के सचिव को 16 सितम्बर 2022 को दिए गए थे, जिसमे ट्रांसप्लांटेशन के लिए नयी तकनीक का इस्तेमाल, नए औजारों/यंत्रो का इस्तेमाल और एफ.आर.आई. के विशेसज्ञों का इस्तेमाल करने सम्बंधित बातें कही गयी थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने फोटोग्राफ्स के माध्यम से न्यायालय को बर्बरता से हुआ ट्रांसप्लांटेशन दिखाया। इसमें फलदार वृक्षों की सारी पत्तियां/टहनियां काटकर उनको थोड़ा सा ही छोड़ कर, गलत तरीके से ट्रांसप्लांटेशन किया गया है जो न्यायलय के आदेश के विरुद्ध है।
देहरादून सहस्त्रधारा में पेड़ काटने के मामले में उच्च न्यायालय ने तत्कालीन लोनिवि एई और सचिव को अवमानना नोटिस
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