ऋषिकेश। अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के छठे दिन की संध्या “द पांडवाज़” म्यूजिकल बैंड के नाम रही। दिन के अंतिम सत्र में भारतीय संगीत और रॉक संगीत की फ्यूजन के साथ जब पांडवाज़ के कलाकारों ने उत्तराखंड की लोक गीत फुलारी, टाइम मशीन सीरीज और उत्तराखंड मेरी मातृभूमि पर जब अपनी प्रस्तुति दी तो वहाँ उपस्थित दर्शक रोमांचित हो गये और उत्साह के साथ झूमने लगे।
“द पांडवाज़” बैंड, महाभारत के पांडवों से प्रेरित पाँच संगीत कलाकारों का समूह है । यह बैंड भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ रॉक एवं पॉप का फ्यूजन कर नये युग की संगीत शैली के साथ प्रस्तुति करता है। इस बैंड में सितार वादक कलाई के साथ गिरिधरन मुनियांडी, अरियानायगन अरी, ऋषि कुमार और महेंद्रन आदि शामिल हैं। शुरुआत में इन्होंने यह फ्यूजन बैंड एक 2-पीस के रूप में शुरू किया था जो अंततः अब एक पूर्ण संगीत बैंड में विकसित हो गया है ।
द पांडवाज़ फ्यूजन बैंड पारंपरिक और आधुनिक दोनों तरह के संगीत वाद्ययंत्रों के तत्वों को मिला कर सितार, बांसुरी, तबला, ध्वनिक गिटार, तबला, बॉक्स ड्रम, डोलक और बहुत कुछ के उपयोग के माध्यम से अपनी खुद की संगीत शैली विकसित की है।
उनका पहला संगीत वीडियो पिछले साल के अंत में धर्मा शीर्षक से जारी किया गया था, जिसमें वृंदा फोटो ग्राफिक्स ने प्रकृतिवादी लेकिन सुरुचिपूर्ण संगीत वीडियो तैयार किया था।