हरिद्वार। माँ चंडी देवी मंदिर परमार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा है कि मां भगवती की आराधना के बिना जप और ध्यान संपूर्ण नहीं होते। देवी भगवती प्रकृति और पर्यावरण के साथ-साथ समस्त संसार को उर्जा प्रदान करने वाली है। जगत जननी मां जगदंबा की शरण में जो श्रद्धालु भक्त आ जाता है उसका कल्याण अवश्य ही निश्चित है। नील पर्वत स्थित सिद्ध स्थल मां चंडी देवी मंदिर के प्रांगण में नवरात्रि के चौथे दिन श्रद्धालु भक्तों को मां की महिमा का गुणगान करते हुए महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मांड की रचना करने वाली देवी भगवती के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की कांति और आभा सूर्य के समान है। जब सृष्टि नहीं थी तब देवी के कुष्मांडा स्वरूप ने ही सृष्टि का विस्तार किया और देवी ने शाक से धरा को पल्लवित कर शताक्षी बन असुरों का संहार किया। जब जब धरती पर पाप का उदय होता है तब तब मां भगवती किसी ना किसी रूप में अवतरित होकर मानव जाति का कल्याण करती है। मां चंडी देवी मंदिर आने वाले श्रद्धालु भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर माता उन्हें मनोवांछित फल प्रदान करती है। देवी भगवती अनंत काल तक विश्व का कल्याण करने वाली है। मां भगवती की उपासना व्यक्ति का जीवन बदल देती है। महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा कि नवरात्र के दौरान की गई मां चंडी देवी की आराधना से साधक को शांति और मुक्ति की प्राप्ति होती है। विश्व का कल्याण करने वाली देवी मां सभी पर समान रूप से कृपा बरसाती हैं। आस्था और विश्वास व्यक्ति के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। इसलिए सभी को नवरात्र के दौरान मां की आराधना के साथ-साथ कन्याओं का पूजन भी अवश्य करना चाहिए। इससे मां भगवती प्रसन्न होती हैं।इस अवसर पर पंडित पंकज रतूड़ी, पंडित देशवाल शास्त्री, पंडित राजेश कुकशाल, पंडित नवल किशोर, पंडित अमित बेलवाल, पंडित रोहित डबराल, पंडित मनमोहन कंडवाल, विशाल कश्यप, सुनील कश्यप, मोहित राठौर, पंडित बैजनाथ भट्ट, अवनीश त्रिपाठी, त्रिलोक शर्मा सहित अनेक श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।
समस्त संसार को उर्जा प्रदान करने वाली है मां भगवती की आराधना: महंत रोहित गिरी
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