नैनीताल
आइवीआरआई मुक्तेश्वर में वैज्ञानिक विधि से बकरी पालन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न
मुक्तेश्वर: भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आई० वी० आर ० आई०) मुक्तेश्वर कैंपस में गोट वैली परियोजना के अंतर्गत वैज्ञानिक विधि द्वारा बकरी पालन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। पशुपालन विभाग, नैनीताल के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में वैज्ञानिकों, पशु चिकित्साधिकारियों और 30 किसानों ने सक्रिय सहभागिता की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संयुक्त निदेशक डॉ. यशपाल सिंह मलिक ने की। उन्होंने किसानों को आधुनिक तकनीकों से बकरी पालन करने के लिए प्रेरित किया और इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। साथ ही, डॉ. धीरेश जोशी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, नैनीताल की इस पहल की विशेष प्रशंसा की गई।
प्रशिक्षण में मिली बकरी पालन की आधुनिक जानकारी
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य विषय “पर्वतीय क्षेत्रों में वैज्ञानिक विधि द्वारा बकरी पालन” रहा। किसानों को पोषण, स्वास्थ्य देखभाल, आवास प्रबंधन, क्रमिनाशक दवाओं का प्रयोग और बकरियों के तापमान जांचने जैसी तकनीकों पर विस्तृत जानकारी दी गई। इस अवसर पर डॉ. लीलेंद्र जोशी, डॉ. चित्रा जोशी और डॉ. पवन सहित अन्य विशेषज्ञों ने बकरी पालन से संबंधित सरकारी योजनाओं की भी जानकारी साझा की।
डॉ. सिद्धार्थ गौतम, डॉ. शेर सिंह, डॉ. मधुसूदन ए० पी० और डॉ. अशुतोष फुलार ने वैज्ञानिक विधियों के माध्यम से बकरी पालन को लाभदायक बनाने पर विस्तृत चर्चा की। प्रशिक्षण के दौरान किसानों को फार्म भ्रमण और व्यावहारिक प्रदर्शन के माध्यम से महत्वपूर्ण तकनीकों का अभ्यास कराया गया।
पशुपालकों ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया
कार्यक्रम के समापन पर पशुपालकों से फीडबैक लिया गया, जिसमें उन्होंने इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बार-बार आयोजित करने और इसकी अवधि बढ़ाने की मांग की। संयुक्त निदेशक ने किसानों को भविष्य में और अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम के मुख्य समन्वयक डॉ. करम चंद, सह-समन्वयक डॉ. नितीश सिंह खड़ायत और डॉ. मधुसूदन ए० पी० सहित अन्य वैज्ञानिक और कर्मचारी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।
आईवीआरआई और राज्य विभाग के सहयोग की सराहना
उत्तराखंड पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. नीरज सिंघल और आईवीआरआई के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त ने राज्य के पशुपालकों के लिए इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की उपयोगिता पर जोर दिया। उन्होंने पशुधन से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए आईवीआरआई और राज्य पशुपालन विभाग के बीच बढ़ते सहयोग की सराहना की।
यह कार्यक्रम बकरी पालन को बढ़ावा देने और किसानों को आधुनिक तकनीकों से अवगत कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
