उत्तराखण्ड
उत्तराखंड संविदा कर्मचारी नियमितीकरण: 10 साल सेवा पूरी करने वाले होंगे अब स्थायी!
उत्तराखंड सरकार ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। 10 साल की निरंतर सेवा पूरी करने वाले दैनिक वेतनभोगी, संविदा और तदर्थ कर्मचारी अब स्थायी किए जाएंगे। जानें संशोधित नियमावली-2025 की पूरी शर्तें और इसका लाखों कर्मचारियों पर प्रभाव।
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने राज्य में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें नियमित करने के नियमों में महत्वपूर्ण संशोधन किया है। सचिव कार्मिक शैलेश बगोली द्वारा शुक्रवार को ‘कार्मिकों का विनियमितीकरण (संशोधन) नियमावली-2025’ की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस नए संशोधन से अब लाखों कर्मचारियों को स्थायी नौकरी का लाभ मिल सकेगा। सरकार के इस कदम को संविदा कर्मचारियों की वर्षों पुरानी मांग पूरी करने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम माना जा रहा है।
विनियमितीकरण के लिए नई शर्तें
संशोधित नियमावली के अनुसार, वे सभी कार्मिक विनियमितीकरण के लिए पात्र होंगे जिन्होंने कुछ निर्धारित शर्तों को पूरा किया हो। मुख्य शर्त यह है कि दैनिक वेतन, कार्यप्रभारित, संविदा, नियत वेतन, अंशकालिक और तदर्थ रूप से नियुक्त कर्मचारियों ने दिनांक 04.12.2018 तक उस पद या समकक्ष पद पर कम से कम दस वर्ष की निरंतर सेवा पूरी कर ली हो। यह फैसला उन हजारों कर्मचारियों के लिए वरदान साबित होगा जो लंबे समय से राज्य के विभिन्न विभागों में अस्थाई रूप से सेवाएं दे रहे थे।
पुरानी नियमावली में क्या थी व्यवस्था?
इस संशोधन से पहले, संविदा कर्मचारियों के लिए नियमितीकरण की शर्तें अलग थीं। पूर्व की नियमावली में यह व्यवस्था थी कि वर्ष 2013 की नियमावली के प्रख्यापन की तिथि को जिस कर्मचारी ने पाँच वर्ष की निरंतर सेवा पूरी कर ली थी, वह विनियमितीकरण का पात्र था। अब संशोधित नियमावली-2025 के तहत, निरंतर सेवा की अवधि को पाँच वर्ष से बढ़ाकर दस वर्ष किया गया है, जबकि कट-ऑफ तिथि को 2018 तक बढ़ाया गया है। यह बदलाव उन कर्मचारियों को लाभ पहुंचाएगा जो 2013 की समय सीमा से चूक गए थे लेकिन अब तक 10 साल की सेवा पूरी कर चुके हैं।
लाखों कर्मचारियों पर पड़ेगा सीधा असर
सरकार का यह निर्णय उत्तराखंड के विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है। इससे उनकी नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और वे अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इस संशोधित नियमावली के जारी होने से राज्य में कई वर्षों से लटकी हुई संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण की प्रक्रिया को गति मिलेगी, जिससे उनकी आजीविका में स्थिरता आएगी।
