देहरादून: उत्तराखंड में स्कूली बच्चों की शैक्षिक यात्राओं के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान ने सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। विभागीय अधिकारियों को दिए गए निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि छात्र-छात्राओं की सुरक्षा विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
दिशानिर्देशों में क्या कहा गया है:
* मेडिकल हिस्ट्री और प्राथमिक चिकित्सा: स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रत्येक छात्र की मेडिकल हिस्ट्री और अन्य आवश्यक जानकारी उनके पास हो। यात्रा के दौरान फर्स्ट एड बॉक्स अनिवार्य रूप से साथ ले जाना होगा। साथ ही, बच्चों के साथ जाने वाले शिक्षक या प्रतिनिधि को प्राथमिक चिकित्सा और सीपीआर में प्रशिक्षित होना चाहिए।
* अभिभावकों की सहमति और जानकारी: यात्रा के लिए अभिभावकों से लिखित सहमति लेना अनिवार्य होगा। साथ ही, अभिभावकों को यात्रा के दौरान उठाए जाने वाले सभी सुरक्षा उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी देनी होगी।
* संपर्क बनाए रखना: यात्रा के दौरान सभी बच्चों को अपने परिजनों से संपर्क बनाए रखने के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी।
* वाहन की जांच: यात्रा में उपयोग किए जाने वाले सभी वाहनों का आरटीओ से प्रमाणित होना अनिवार्य है।
* छात्राओं के साथ महिला शिक्षिका: छात्राओं के साथ हमेशा एक महिला शिक्षिका का होना अनिवार्य होगा।
* चालक और परिचालक: चालक और परिचालक पर नजर रखी जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्होंने नशीले पदार्थों का सेवन नहीं किया है। उनके पहचान पत्र और संपर्क नंबर स्कूल में सुरक्षित रखे जाएंगे।
* नदी-नालों से दूर रखें: बच्चों को नदी-नालों से दूर रखना होगा।
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग का पत्र:
शिक्षा विभाग ने ये दिशानिर्देश उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पत्र के जवाब में जारी किए हैं। आयोग ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए विभाग को ऐसे दिशानिर्देश जारी करने का निर्देश दिया था।
उद्देश्य:
इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य स्कूली बच्चों की शैक्षिक यात्राओं के दौरान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह कदम बच्चों और उनके अभिभावकों दोनों के लिए एक राहत की बात है।