ऋषिकेश: उत्तरकाशी के एक दंपति ने अपने छह दिन के नवजात बच्चे का देहदान कर एक मिसाल पेश की है। ऋषिकेश एम्स में उपचार के दौरान बच्चे की मौत हो गई थी। दंपति ने नवजात का शव ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया है।
उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ निवासी मनोज लाल और विनीता देवी के यहां छह जनवरी को एक पुत्र का जन्म हुआ था। जन्म के समय से ही बच्चे को सांस लेने में दिक्कत थी। उसे ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया, जहां ऑपरेशन के बाद भी बच्चे की मौत हो गई।
इस दुखद घटना के बाद दंपति ने अपने बच्चे के शव को दान करने का फैसला लिया। दंपति का मानना है कि उनके बच्चे का देहदान मेडिकल छात्रों के लिए उपयोगी होगा और इससे किसी और के सपने पूरे हो सकते हैं।
देहदान कैसे हुआ:
दंपति ने मुक्तिधाम समिति के सेवादार अनिल कक्कड़ से संपर्क किया। कक्कड़ ने उन्हें देहदान के बारे में बताया और इस प्रक्रिया में उनकी मदद की। लायंस क्लब ऋषिकेश देवभूमि और मोहन फाउंडेशन ने भी इस कार्य में सहयोग किया।
ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज को सौंपा शव:
आखिरकार, नवजात के शव को ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग को सौंप दिया गया। यहां मेडिकल छात्रों का शव पर अध्ययन करेंगे।
दंपति का भावुक बयान:
मनोज लाल ने कहा, “हमारे सपने तो पूरे नहीं हो सके, लेकिन हमने सोचा कि हमारे बच्चे का देहदान करके हम किसी और के सपने पूरे कर सकते हैं।”
यह घटना क्यों है खास:
यह घटना इसलिए खास है क्योंकि एक दुखद घटना में भी दंपति ने एक नेक काम किया है। उन्होंने अपने बच्चे को खोने के गम में भी समाज के लिए कुछ करने का फैसला लिया। यह दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।