देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हल्द्वानी बनभूलपुरा में रेलवे भूमि से हटाए जा रहे सैकड़ों परिवारों के विरोध में देहरादून अपने आवास पर मौन उपवास पर बैठे। उपवास खत्म करने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए संदेश दिया। जिसे हरदा ने अपने फेसबुक पर शेयर भी किया।
उन्होंने कहा है कि मैंने मां देवी का स्मरण कर उपवास शुरू किया है। उसको अपने उन भाई-बहनों और छोटे बच्चों को, वृद्धों, महिलाओं व गर्भवती महिलाओं को, शिशुओं व नवजात शिशुओं को समर्पित करता हूं, जो लोग उनके ऊपर अतिक्रमण के नाम पर उनके घरों व आशियानों को तोड़े जाने की तलवार लटकी हुई है।
इस उपवास के माध्यम से राज्य के माननीय मुख्यमंत्री से प्रार्थना कर रहा हूं कि यह हमारे राज्य का एक महान मानवीय पक्ष है, हम करुणा के प्रदेश हैं। हम देवी-देवताओं के स्थल हैं। मानवीय मूल्य चीख-चीखकर के कह रहे हैं कि जो लोग यहां वर्षों-वर्षों से बसे हुए हैं, जिनको हमने नाना प्रकार की नगरीय की सुविधाएं भी दे दी हैं, बिजली पानी से लेकर के अस्पताल, स्कूल, कॉलेज आदि दे दिए हैं। जिनको हमने कई तरीके से बचाने के अधिकार पत्र भी दिए हुए हैं। यदि वह सब लोग इसी तरीके से उजाड़ दिए जाएंगे तो कल माननीय सुप्रीम कोर्ट में मामला है, सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आएगा। हमें भरोसा है कि मान्य सुप्रीम कोर्ट का निर्णय उन गरीबों के पक्ष में होगा, जो वहां एसएलपी में गए हैं उनके पक्ष में होगा। हमारे विधायक सुमित हरदेश भी प्रयत्नशील हैं, वह लगे हुए हैं। हल्द्वानी के जो लोग मानवीय पक्ष को उभार करके खड़े हैं, वह सब लोग लगे हुए हैं, सबकी भावनाएं हैं और मैं उन भावनाओं के साथ अपनी भावनाओं को जोड़ते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी से प्रार्थना करना चाहता हूं कि सुप्रीम कोर्ट में ही राज्य सरकार कह दे कि हम इस समस्या का समाधान करेंगे, क्योंकि मानवीय पक्ष और प्रशासनिक निर्णय माननीय मुख्यमंत्री जी ही ले सकते हैं। इसलिए मैं अपने उपवास को माननीय मुख्यमंत्री जी से प्रार्थना करते हुए समाप्त कर रहा हूं।