मातृशक्ति का सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में अहम योगदान:- निरंजन स्वामी
हरिद्वार। अंतर्राष्ट्रीय राम कथा वाचक साध्वी गौरंगी गोरी को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड यूरोप ने उनके कार्य पद्धति एवं धर्म के प्रति श्रद्धा समर्पण की भावना को देखते हुए हिंदू स्कॉलर अवार्ड से सम्मानित किया। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए पुरुषार्थ आश्रम के अध्यक्ष महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने बताया कि भारत की ऋषि परंपरा जिसमें भक्ति और शक्ति का समन्वय करता हुआ सनातन धर्म आज विश्व के कोने-कोने में फैल रहा है। इस धर्म की ध्वजा को गांव से शहर और शहर से देश एवं विदेश ले जाने में सतत प्रयासरत अयोध्या की प्रसिद्ध राम कथा वाचक गौरंगी गौरी को नीदरलैंड स्थित इंटरनेशनल सिद्धाश्रम शक्ति सेंटर के संस्थापक सनातन धर्म भूषण स्वामी राजराजेश्वर महाराज के द्वारा सम्मानित किया गया। जिसमें लॉर्ड शिवा हिंदू टेंपल के अध्यक्ष पंडित अवि शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे। निरंजन स्वामी महाराज ने कहा की साध्वी गौरांगगी गौरी श्रीराम कथा के माध्यम से एमस्टरडम की धरती पर शांति का संदेश प्रदान कर रही है। हमें गर्व है कि भारत की बेटी विदेशों में जाकर सनातन धर्म की ध्वजा फहरा रही हैं। ऐसी मातृशक्ति को हम प्रणाम करते हैं। पंडित अवि शर्मा ने कहा कि भारत के संत महापुरुष संपूर्ण विश्व का मार्गदर्शन कर रहे हैं। और मातृशक्ति हमेशा से ही समाज का प्रेरणास्रोत रही है। साध्वी गौरांगगी गौरी विद्वान एवं तपस्वी संत है। जो धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण संवर्धन में अपना योगदान प्रदान कर रही हैं। हम सभी को उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्र की एकता अखंडता बनाए रखने की में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। साध्वी गौरांगी गोरी ने कहा कि जो सम्मान उन्हें दिया गया है। वह संपूर्ण भारतवर्ष के लिए गौरव की बात है। वह अपना जीवन सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार में समर्पित कर चुकी है। और जीवन पर्यंत देश विदेश सहित विश्व भर में सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए सदैव प्रयासरत रहेंगी।