देहरादून
त्यूणी-बंगाण क्षेत्र में कुत्ते के काटने के बाद मरी गाय, 22 ग्रामीणों ने पिया दूध, एंटी रेबीज वैक्सीन से बचाव
देहरादून। जिले के त्यूणी क्षेत्र से सटे बंगाण इलाके के पावली गांव में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। गांव में एक आवारा कुत्ते ने दुधारू गाय को काट लिया, जिसके दो दिन बाद गाय की अचानक मौत हो गई। गाय की मौत से पूरे गांव में दहशत फैल गई, क्योंकि पशुपालक परिवार सहित 22 ग्रामीणों ने उस गाय का दूध पी लिया था।
ग्रामीणों के अनुसार तीन दिन पहले एक लावारिस कुत्ते ने गांव की गाय पर हमला किया था। शुरू में किसी ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन दो दिन बाद गाय की मौत हो गई। मौत से पहले गाय के मुंह से झाग निकल रहा था और उसका शरीर अकड़ गया था, जो रेबीज के लक्षण माने जाते हैं। इस घटना के बाद ग्रामीणों में भय का माहौल बन गया। उन्होंने तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) त्यूणी का रुख किया और पूरी जानकारी चिकित्सकों को दी।
ग्रामीणों ने बताया कि कुत्ते की तलाश भी की गई, ताकि पुष्टि हो सके कि उसे रेबीज था या नहीं, लेकिन वह कहीं नहीं मिला। इससे लोगों की चिंता और बढ़ गई। स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. नरेंद्र सिंह राणा ने तुरंत कार्रवाई करते हुए गाय का दूध पीने वाले सभी 22 ग्रामीणों को एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) की पहली डोज दी। चिकित्सक ने उन्हें पूरा कोर्स लेने की सलाह भी दी है।
डॉ. राणा ने बताया कि फिलहाल सभी ग्रामीणों की स्वास्थ्य स्थिति सामान्य है और किसी में भी बीमारी के लक्षण नहीं पाए गए हैं। गुरुवार को की गई पुनः जांच में भी सभी ग्रामीण स्वस्थ पाए गए। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि किसी भी पशु को काटने के बाद उसके दूध या मांस का सेवन न करें, क्योंकि इससे गंभीर खतरे हो सकते हैं।
इस घटना ने त्यूणी और आसपास के क्षेत्रों में पहली बार लोगों को रेबीज के प्रति गंभीरता से सोचने पर मजबूर किया है। आमतौर पर लोग मानते हैं कि रेबीज केवल मनुष्यों या कुत्तों तक ही सीमित है, लेकिन इस घटना ने दिखा दिया कि यदि समय पर सावधानी न बरती जाए तो यह अन्य पालतू जानवरों और अप्रत्यक्ष रूप से इंसानों के लिए भी घातक साबित हो सकता है।
ग्रामीण अब नियमित स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो।
