अल्मोड़ा/बागेश्वर/चंपावत/पिथौरागढ़
अल्मोड़ा: वन्य जीव हमले में 55 वर्षीय ग्रामीण की मौत; एम्बुलेंस की देरी से बढ़ा आक्रोश!
अल्मोड़ा के चौमू गांव में जंगली जानवर के हमले में इंदर सिंह राणा की दुखद मौत। ग्रामीणों ने एम्बुलेंस की देरी पर जताया गहरा रोष। वन विभाग से गश्त बढ़ाने और तत्काल मुआवजे की मांग। पूरी खबर पढ़ें।
अल्मोड़ा। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में वन्य जीवों का आतंक बढ़ता जा रहा है। लमगड़ा ब्लॉक के चौमू गांव में सोमवार को हुए एक वन्य जीव हमले में 55 वर्षीय ग्रामीण इंदर सिंह राणा की मौत हो गई। इस दुखद घटना के बाद पूरे क्षेत्र में गहरा शोक और दहशत का माहौल है। हालांकि, ग्रामीणों का सबसे बड़ा आक्रोश इस बात पर है कि यदि आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा समय पर पहुंच जाती, तो शायद इंदर सिंह राणा की जान बचाई जा सकती थी।
एम्बुलेंस की तकनीकी खराबी बनी जानलेवा
जानकारी के अनुसार, सोमवार दोपहर इंदर सिंह राणा पर एक जंगली जानवर ने अचानक हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। ग्रामीणों ने तुरंत 108 एम्बुलेंस सेवा को फोन किया, लेकिन तकनीकी खराबी का हवाला देते हुए एम्बुलेंस समय पर चौमू गांव नहीं पहुंची। अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उनकी हालत लगातार बिगड़ती गई। आखिरकार, ग्रामीणों ने एक निजी वाहन की व्यवस्था की और उन्हें अस्पताल ले जाने की कोशिश की, मगर दुर्भाग्यवश उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। यह घटना स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाती है। (आप इस विषय पर अधिक जानकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की वेबसाइट पर देख सकते हैं: https://www.nhp.gov.in)
मुआवजे और सुरक्षा की मांग तेज
मृतक के परिजनों के लिए पूरे गांव ने तत्काल आर्थिक सहायता और मुआवजे की मांग की है। स्थानीय निवासी हिमांशु अधिकारी ने इस घटना को चौमू और उच्च पट्टी क्षेत्र के लिए “अपूरणीय क्षति” बताया। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में इस क्षेत्र में तेंदुए की सक्रियता काफी बढ़ी है, जिससे ग्रामीण भयभीत हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से तुरंत गांव के आसपास पिंजरे लगाने, प्रभावी गश्त बढ़ाने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।
वन विभाग कर रहा है मामले की जांच
इस मामले पर वन प्रभागीय अधिकारी (सिविल) प्रदीप धौलाखंडी ने जानकारी दी कि प्रारंभिक जांच से यह साफ है कि यह मामला वन्य जीव के हमले का है। उन्होंने कहा कि वन विभाग की टीम मौके पर मौजूद है और आसपास के इलाके की गहन जांच की जा रही है। श्री धौलाखंडी ने स्पष्ट किया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह निश्चित हो पाएगा कि हमला तेंदुए का था या किसी अन्य जंगली जानवर का। विभाग जल्द ही सुरक्षा के कदम उठाएगा और सरकारी नियमों के तहत पीड़ित परिवार को सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
