देहरादून
देहरादून: मुंबई से आए व्यक्ति में कोरोना संक्रमण की पुष्टि, दून मेडिकल कॉलेज में कोविड तैयारी तेज
देहरादून। ऋषिकेश में पहले दो महिलाओं में कोरोना संक्रमण पाए जाने के बाद अब मुंबई से आए एक और व्यक्ति में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मनोज शर्मा के मुताबिक, यह व्यक्ति सहस्रधारा रोड का मूल निवासी है और मुंबई में नौकरी करता है। वह यहां अगले ही दिन लौट गया था, लेकिन बाद में उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिले में अब तक कुल 37 लोगों की कोरोना जांच की गई है, जिनमें से तीन संक्रमित पाए गए हैं।
कोविड संक्रमण की आशंका के मद्देनजर दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में विशेष तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। प्राचार्य डॉ. गीता जैन ने अस्पताल के डॉक्टरों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। मेडिसिन और पीडियाट्रिक्स विभाग में बेड रिजर्व किए गए हैं और इलाज, जांच व प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। आयुष्मान विंग में 50 बेड आरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा, न्यू निक्कू वार्ड के संचालन के लिए आठ नर्सिंग अधिकारी तैनात किए गए हैं।
दून अस्पताल में कोविड कोर टीम गठित की गई है, जिसमें प्रशासनिक हेड डिप्टी एमएस डॉ. एनएस बिष्ट, लैब निदेशक डॉ. निधि नेगी, कोविड नोडल अधिकारी डॉ. कुमारजी कौल समेत अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं। आईसीयू में वेंटीलेटर के लिए डॉ. अतुल कुमार सिंह, नर्सिंग एवं वार्ड व्यवस्था के लिए एएनएस दीपशिखा और दवाइयों के लिए डीपीओ बीएस बर्थवाल जिम्मेदार हैं।
कोविड नोडल अधिकारी डॉ. कुमारजी कौल और टीबी एवं चेस्ट विभाग के एचओडी डॉ. अनुराग अग्रवाल ने लोगों से अपील की है कि कोविड के नए वैरिएंट से घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि, सतर्कता जरूरी है। उन्होंने बुखार, नाक बंद होना, सूखी खांसी, थकान, सिरदर्द, स्वाद या गंध का न आना, मांसपेशियों में दर्द, आंख आना, दस्त और उल्टी जैसे लक्षण मिलने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने को कहा है।
विशेषज्ञों ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क पहनने, खांसते या छींकते समय मुंह व नाक ढकने, बार-बार हाथ धोने, सार्वजनिक जगहों पर बुखार या खांसी के साथ जाने से बचने, पर्याप्त नींद लेने और टीशू पेपर का एक बार उपयोग करने की सलाह दी है। बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार लोगों को खास तौर पर सावधानी बरतने को कहा गया है। साथ ही बूस्टर डोज लगवाने पर भी जोर दिया गया है ताकि संक्रमण से सुरक्षा मजबूत हो सके।
