हल्द्वानी
गौला नदी में अचानक पानी आने से 20 से अधिक वाहन फंसे, वाहन मालिकों में आक्रोश
हल्द्वानी। शुक्रवार की शाम गौला नदी में अचानक पानी का स्तर बढ़ने से 20 से अधिक वाहन नदी में फंस गए। ये वाहन नदी से आरबीएम (रेत-बजरी) निकालने के लिए पहुंचे थे, तभी अचानक पानी का बहाव तेज हो गया। इससे पहले कि वाहन चालक कुछ समझ पाते, पानी ने कई डंपर और वाहन अपनी चपेट में ले लिए।
मौके पर मौजूद मजदूरों ने शोर मचाकर चालकों को सतर्क किया और वाहनों को निकालने के प्रयास किए, लेकिन तब तक 20 से अधिक डंपर नदी के बीच फंस चुके थे। वाहन चालकों और मालिकों का आरोप है कि नदी में पानी छोड़ने की कोई सूचना उन्हें वन विभाग या वन विकास निगम की ओर से नहीं दी गई, जिससे वाहन नदी में फंस गए। वाहन मालिकों का कहना है कि यह लापरवाही है और प्रशासन को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
गौला मजदूर समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बिष्ट ने बताया कि नदी में अचानक पानी भरने की सूचना किसी भी माध्यम से वाहन चालकों तक नहीं पहुंचाई गई, जिससे मजदूरों और वाहन मालिकों को बड़ा नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि यह विभागीय लापरवाही है।
वहीं गौला रेंजर चंदन सिंह अधिकारी ने बताया कि नदी में पानी आने की सूचना समय पर नहीं मिल पाई, जिससे 20 से अधिक वाहन फंस गए। हालांकि उन्होंने कहा कि पानी का बहाव ज्यादा नहीं था, इसलिए धीरे-धीरे सभी वाहन सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए।
दूसरी ओर, गौला बैराज के इंचार्ज सहायक अभियंता मनोज तिवारी ने बताया कि शुक्रवार शाम बैराज से करीब 230 क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया था। इसकी सूचना वाट्सएप ग्रुप में वन विभाग, वन निगम और अन्य संबंधित विभागों को दे दी गई थी।
हालांकि वाहन मालिकों का कहना है कि वाट्सएप ग्रुप से केवल अधिकारियों को सूचना दी जाती है, जबकि मौके पर कार्य कर रहे मजदूरों और वाहन चालकों को इसकी कोई जानकारी नहीं दी जाती। वाहन मालिकों ने मांग की है कि भविष्य में नदी में पानी छोड़े जाने से पहले मौके पर तैनात मजदूरों और चालकों को भी सूचित किया जाए, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
