देहरादून
देहरादून: अखबार में ‘I Love You’ लिखकर महिला को फेंकता था हॉकर अखबार, मिली ऐसी सजा…
देहरादून में एकतरफा प्यार में पागल हॉकर को महिला को परेशान करने और हाथ पकड़ने के जुर्म में कोर्ट ने IPC 354 के तहत 1 साल की सज़ा और ₹1000 जुर्माना लगाया। जानें पूरा मामला।
देहरादून: देहरादून में एकतरफा प्यार में पागल एक हॉकर को महिला की गरिमा भंग करने के आरोप में अदालत ने कठोर सज़ा सुनाई है। यह मामला देहरादून के प्रेमनगर इलाके का है, जहाँ दोषी हॉकर हर दिन अखबार में ‘आई लव यू’ और अपना मोबाइल नंबर लिखकर एक महिला के घर में डालता था। महिला के बार-बार मना करने और उसकी हरकतों को नजरअंदाज करने के बावजूद भी उसने अपनी यह हरकतें नहीं छोड़ीं। आखिरकार, जब उसने महिला के घर के अंदर घुसकर उसका हाथ पकड़ लिया, तो यह मामला पुलिस तक पहुंचा और कानूनी कार्रवाई शुरू हुई।
हॉकर ने अखबार पर लिखा था ‘आई लव यू’
दोषी युवक शैलेंद्र सिंह कठैत देहरादून के प्रेमनगर क्षेत्र में अखबार वितरित करने का काम करता था और पीड़िता भी उसी इलाके में रहती थी। यह घटना फरवरी 2020 की है, जब शैलेंद्र ने अखबार पर पेन से अपना नंबर और “आई लव यू, कल बाला सुंदरी मंदिर चलेंगे” लिखकर महिला को भेजा। महिला ने इस पर कड़ा विरोध जताया। जब उसने विरोध किया, तो हॉकर ने घर के अंदर घुसकर महिला का हाथ पकड़ लिया, जिससे वह घबरा गई। महिला के शोर मचाने पर उसके रिश्तेदार मौके पर पहुंचे और तुरंत पुलिस को इस मामले की सूचना दी।
अदालत ने सुनाया कठोर फैसला
पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी शैलेंद्र सिंह कठैत को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। लंबी कानूनी सुनवाई के बाद, न्यायिक मजिस्ट्रेट चतुर्थ सोनम रावत की अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया। अदालत ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 (स्त्री की लज्जा भंग करने या आपराधिक बल प्रयोग) के तहत दोषी माना। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह अपराध महिला की गरिमा और सुरक्षा के खिलाफ था, जिसके लिए आरोपी को एक वर्ष के कठोर कारावास (कठोर कैद) और ₹1000 जुर्माने की सज़ा दी जाती है। यह फैसला ऐसे अपराधों के खिलाफ समाज में एक कड़ा संदेश देता है।
महिला सुरक्षा के प्रति सख्त संदेश
इस फैसले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि उत्तराखंड में महिला सुरक्षा को लेकर कानून और अदालतें पूरी तरह गंभीर हैं। देहरादून पुलिस का त्वरित एक्शन और कोर्ट का यह कठोर निर्णय, उन सभी लोगों के लिए एक सबक है जो महिलाओं को परेशान करने या उनकी लज्जा भंग करने की कोशिश करते हैं। महिलाओं को भी चाहिए कि ऐसी किसी भी हरकत को नज़रअंदाज़ न करें और तत्काल पुलिस की सहायता लें।
