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श्रीकोट के स्कूल कर्मचारी मनोज जोशी का कमरा अंदर से बंद, संदिग्ध मौत
देवाल बाजार में किराए के कमरे में जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय श्रीकोट के कर्मचारी मनोज जोशी (32) का शव मिला है। 6 महीने पहले हुई थी शादी, मौत के कारणों की पुलिस जाँच कर रही है।
चमोली। देवाल बाजार क्षेत्र में उस वक्त सनसनी फैल गई, जब किराए के एक कमरे में जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय श्रीकोट के एक कर्मचारी का शव मिला। मृतक की पहचान मनोज जोशी (32 वर्ष), निवासी जिनखोला गांव (गरुड़ ब्लाक, बागेश्वर) के रूप में हुई है। मनोज जोशी श्रीकोट हाईस्कूल में चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्यरत थे और देवाल बाजार में किराए के मकान में अकेले रहते थे। इस घटना से पूरे क्षेत्र और उनके परिजनों में हड़कंप मच गया है।
परिजनों को फोन पर बात न होने से हुआ शक
बताया जा रहा है कि शुक्रवार शाम करीब पाँच बजे के बाद से मनोज जोशी के परिजनों की उनसे कोई बात नहीं हो पाई थी। उनकी माँ और बहन रेणु ने बार-बार फोन किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। शनिवार शाम तक भी जब मनोज का फोन नहीं उठा, तो उनकी बहन और माँ ने कुछ स्थानीय लोगों को इसकी सूचना दी। स्थानीय लोगों और मकान मालिक की सूचना पर पुलिस को बुलाया गया, क्योंकि कमरा अंदर से बंद था।
दरवाजा तोड़कर पुलिस ने निकाला शव
मकान मालिक की अनुमति के बाद, पुलिस ने देर शाम कमरे का दरवाजा तोड़ा और अंदर प्रवेश किया। पुलिस को मनोज जोशी का शव उनके कमरे में पड़ा मिला। पुलिस ने शुक्रवार रात्रि को करीब 10 बजे शव को अपने कब्जे में लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रखवा दिया था। चौकी प्रभारी देवेंद्र भारती ने बताया कि रविवार को मृतक के परिजनों की उपस्थिति में शव का पंचनामा किया गया और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा।
6 माह पहले हुई थी शादी, परिवार सदमे में
मनोज जोशी के निधन से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। वह मात्र छह माह पहले ही शादी के बंधन में बंधे थे। मनोज अपने पीछे अपनी पत्नी, माँ, बहन और भाई को छोड़ गए हैं। परिजनों ने किसी भी संदिग्ध गतिविधि की आशंका व्यक्त नहीं की है, लेकिन कमरे का अंदर से बंद होना और अचानक मौत होना कई सवाल खड़े करता है। पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जाँच कर रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। परिजनों को इस दुःख की घड़ी में हर संभव मदद देने के लिए पुलिस और स्थानीय प्रशासन को आगे आना चाहिए।
