उत्तराखण्ड
‘गलत बिल’ की शिकायतों के बाद स्मार्ट मीटर लगाने पर लगी रोक, UPCL ने शुरू किया विशेष शिकायत निवारण कैंप
उत्तराखंड में गलत बिल और समय पर बिल न आने की बढ़ती शिकायतों के बाद UPCL मुख्यालय ने अगले आदेश तक पुराने मीटर हटाकर स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक लगा दी है। अब समस्याओं के निस्तारण के लिए लगेंगे विशेष कैंप।
देहरादून। उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) मुख्यालय ने एक बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में पुराने मीटरों को हटाकर स्मार्ट मीटर (Smart Meter) लगाने की प्रक्रिया पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। यह निर्णय स्मार्ट मीटर लगाने के बाद बिल गलत आने और बिल समय पर नहीं आने की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद लिया गया है।
शासन की सख्ती के बाद लिया गया निर्णय
स्मार्ट मीटर लगने के बाद बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने शिकायत की थी कि उनके बिल सामान्य से बहुत अधिक आ रहे हैं। इस गलत बिलिंग की बढ़ती शिकायतों पर शासन स्तर से सख्ती दिखाई गई, जिसके बाद मंगलवार को यूपीसीएल मुख्यालय ने तत्काल प्रभाव से यह आदेश जारी कर दिया। निदेशक ऑपरेशन ऑफिस से संबद्ध मुख्य अभियंता बीएमएस परमार ने डिविजन, सर्किल और जोन अफसरों के लिए निर्देश जारी किए हैं। नए आदेश में साफ किया गया है कि अब पुराने मीटर के स्थान पर नए स्मार्ट मीटर नहीं लगाए जाएंगे।
पहले होगा शिकायतों का निस्तारण
यूपीसीएल मुख्यालय ने सभी मुख्य अभियंताओं को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अगले आदेश तक स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया रुकी रहेगी। इस दौरान उन्हें अपने-अपने जोन में गलत बिल (Wrong Bill) समेत स्मार्ट मीटर को लेकर आई सभी शिकायतों और शंकाओं का निस्तारण करना होगा। शिकायतों का संतोषजनक निस्तारण होने के बाद ही नए मीटर लगाने की प्रक्रिया दोबारा शुरू की जाएगी। नए आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अब स्मार्ट मीटर केवल दो ही परिस्थितियों में लगाए जाएंगे: नए बिजली कनेक्शन और खराब हो चुके पुराने मीटरों के स्थान पर।
समस्याओं के लिए लगेंगे विशेष शिविर
उपभोक्ताओं की स्मार्ट मीटर से जुड़ी समस्याओं का त्वरित निस्तारण करने के लिए यूपीसीएल पूरे प्रदेश में विशेष शिविर आयोजित करेगा। यूपीसीएल ने इन शिविरों को ‘उपभोक्ता विशेष शिकायत निवारण कैंप’ का नाम दिया है। इन कैंपों में बिजली उपभोक्ताओं की सभी प्रकार की समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं को अनावश्यक भाग-दौड़ से मुक्ति मिलेगी। यह कदम उपभोक्ता केंद्रित दृष्टिकोण को दर्शाता है।
