हल्द्वानी
कुमाऊं में 24 घंटे में 6 भीषण सड़क हादसे, 6 की मौत; कोहराम!
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में शनिवार-रविवार को हुए 6 अलग-अलग सड़क हादसों में ITBP जवान सहित 6 लोगों की दुखद मौत हो गई, जबकि 9 घायल हैं। जानें हल्द्वानी, पिथौरागढ़, किच्छा, गदरपुर, नैनीताल और बागेश्वर के हादसों का पूरा विवरण।
हल्द्वानी। उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में शनिवार और रविवार का दिन भयानक सड़क हादसों (Kumaon Road Accident) से भरा रहा। महज 24 घंटे के अंतराल में हल्द्वानी, पिथौरागढ़, किच्छा, गदरपुर, नैनीताल और बागेश्वर में हुए 6 अलग-अलग हादसों में एक आईटीबीपी जवान (ITBP Jawan Death) सहित कुल 6 लोगों की मौत हो गई। इन हादसों में 9 लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। पूरे क्षेत्र में इन लगातार दुर्घटनाओं के कारण दहशत और मातम का माहौल है।
अलग-अलग शहरों में टैंकर और बस की टक्कर से गई जान
सबसे दर्दनाक घटना हल्द्वानी और किच्छा में सामने आई। हल्द्वानी में कालाढूंगी रोड पर देर रात एक टैंकर ने बाइक सवार 22 वर्षीय लोकेश मौर्य को टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। दुखद बात यह है कि लोकेश का कुछ दिन पहले ही दिल्ली में रिश्ता तय हुआ था। किच्छा में हाईवे पर बस और बाइक की टक्कर में 26 वर्षीय अरबाज और उनके 22 वर्षीय दोस्त जीशान की मौत हो गई। उधर, गदरपुर में महतोष मोड़ के पास कार और ट्राली की भिड़ंत में 24 वर्षीय आयुष सिंह और अंशुल बिष्ट की जान चली गई। युवाओं की असमय मौत (Six Dead) से उनके परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
पिता से मिलकर लौट रहे जवान की संदिग्ध मौत
पिथौरागढ़ में एक आईटीबीपी जवान कैलाशनाथ की हादसे में मौत हो गई। वह आईटीबीपी मिर्थी में तैनात थे और अपने पिता से मिलकर घर (कुमौड़) लौट रहे थे। पुलिस के मुताबिक, जाखनी से कुमौड़ की ओर पैदल आते समय किसी अज्ञात वाहन की टक्कर से उनकी मौत हुई होगी। जवान की मौत से सुरक्षा बल और स्थानीय लोग स्तब्ध हैं। इन सभी हादसों के बाद पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया है और अज्ञात वाहनों के खिलाफ मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सड़क सुरक्षा पर उठे गंभीर सवाल; प्रशासन करे सख्त कार्रवाई
कुमाऊं क्षेत्र में एक ही दिन में इतने बड़े पैमाने पर हुए हादसे सड़क सुरक्षा (Road Safety India) को लेकर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। तेज रफ्तार, रात में खराब विजिबिलिटी और ओवरलोडिंग इन हादसों की मुख्य वजह बताई जा रही है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से हाईवे और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में स्पीड नियंत्रण और सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने की मांग की है। विशेषज्ञों का कहना है कि नियमों का पालन करके और सावधानी बरतकर ही ऐसी दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
