उत्तराखण्ड
उत्तराखंड पंचायतों में प्रशासकों के बाद अब आरक्षण की प्रक्रिया शुरू: अंतिम प्रस्ताव 19 जून तक तैयार होगा
देहरादून। उत्तराखंड की पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति के अगले ही दिन मंगलवार को सरकार ने पंचायतों में आरक्षण तय करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। पंचायती राज सचिव चंद्रेश कुमार ने विभागीय निदेशक को आरक्षण का फार्मूला जारी करते हुए इसकी कार्यवाही शुरू करने के आदेश दिए। हरिद्वार को छोड़कर राज्य के बाकी 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों के आरक्षण की अनंतिम तस्वीर 13 जून तक साफ हो जाएगी। इसके बाद प्राप्त आपत्तियों पर सुनवाई की प्रक्रिया शुरू होगी और 19 जून तक अंतिम आरक्षण तय कर प्रस्ताव पंचायती राज निदेशालय को सौंपा जाएगा।
आरक्षण प्रक्रिया का टाइम टेबल जारी
पंचायती राज सचिव ने बताया कि आरक्षण प्रक्रिया की शुरुआत बुधवार से होगी और 19 जून तक चलेगी। इसके तहत ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के आरक्षित पदों को चिन्हित कर उनकी सूची तैयार की जाएगी। आरक्षण के प्रकाशन की अवधि के दौरान कोई भी व्यक्ति खंड विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी या डीएम कार्यालय में आपत्ति दर्ज करा सकता है। प्रकाशन की अवधि समाप्त होने के बाद प्राप्त आपत्तियां डीएम कार्यालय में एकत्र की जाएंगी और डीएम के स्तर पर तय तिथि तक उनका निराकरण किया जाएगा।
डीएम के विवेक पर मौखिक सुनवाई
पंचायतों में आरक्षण पर आपत्तियां दर्ज कराने का अधिकार तो सभी को होगा, लेकिन डीएम को यह आवश्यक नहीं होगा कि वह हर आपत्तिकर्ता को मौखिक सुनवाई का अवसर दें। डीएम अपने विवेक से निर्णय लेंगे कि किन मामलों में मौखिक सुनवाई जरूरी है।
अंतिम सूची का प्रकाशन
अंतिम आरक्षण तय होने के बाद उसकी सूची संबंधित ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, तहसील, डीएम कार्यालयों के सूचना पटों पर चस्पा कर दी जाएगी। इसके बाद हर हाल में 19 जून तक निदेशालय को अंतिम प्रस्ताव सौंपना अनिवार्य होगा। निदेशालय 19 जून की शाम को ही इस प्रस्ताव को शासन और राज्य निर्वाचन आयोग को उपलब्ध कराएगा।
हरिद्वार जिले में अलग व्यवस्था
हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव राज्य गठन के बाद से ही अलग प्रक्रिया के तहत होते रहे हैं, इसलिए वहां यह प्रक्रिया नहीं लागू होगी। इस प्रकार सरकार ने प्रदेश की पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति के साथ ही आरक्षण तय करने की दिशा में भी अहम कदम उठा लिया है, ताकि पंचायत चुनाव समयबद्ध तरीके से संपन्न हो सकें।
