उत्तराखण्ड
कोविड-19 की आशंका पर स्वास्थ्य विभाग सतर्क, सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया
देहरादून। राज्य में कोविड-19 के संभावित खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मनोज कुमार शर्मा ने देहरादून जिले के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और पैथोलॉजी लैबों को सतर्क रहने और आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम (सार्स) के लक्षण वाले प्रत्येक मरीज की कोविड-19 जांच अनिवार्य रूप से की जाए। जांच का पूरा विवरण इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन प्लेटफॉर्म (आईएचआईपी) पर दर्ज किया जाना चाहिए।
सीएमओ ने सभी अस्पतालों को निर्देशित किया है कि वे आइसोलेशन वार्ड की पहचान करें और फ्लू क्लीनिकों का संचालन सुनिश्चित करें। साथ ही, संदिग्ध मरीजों को समय पर आइसोलेट कर इलाज शुरू किया जाए, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। हल्के लक्षणों वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रखते हुए उनकी नियमित निगरानी करने को कहा गया है। वहीं, यदि किसी मरीज में गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे तुरंत अस्पताल में रेफर किया जाए।
स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी क्षेत्र में कोविड, इन्फ्लूएंजा या सार्स जैसी बीमारियों के मरीजों का समूह (क्लस्टरिंग) सामने आता है तो उस क्षेत्र में तत्काल जांच और रोकथाम की विशेष व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा, सभी अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि वे दवाएं, ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर और अन्य आवश्यक चिकित्सा संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें, ताकि किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी रूप से निपटा जा सके।
स्वास्थ्य विभाग की यह सक्रियता राज्य में संभावित कोविड संक्रमण की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। विभाग ने आमजन से भी अपील की है कि वे सावधानी बरतें और लक्षण नजर आने पर तुरंत जांच कराएं।
