हरिद्वार- भगवान परशुराम ब्राह्मण धर्मशाला में चल रही सप्ताहिक श्रीमद् भागवत कथा का शनिवार को समापन हो गया है। शेखपुरा कनखल बैरागी कैंप स्थित धर्मशाला में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में वृंदावन से आए कथा व्यास मुरारी दास महाराज ने कहा कि मित्र सुदामा जैसा होना चाहिए। सुदामा ने कभी भी भगवान कृष्ण से कुछ नहीं मांगा। सच्ची मित्रता जीवन भर याद रहती है। भगवान परशुराम ब्राह्मण धर्मशाला के अध्यक्ष पवन शर्मा ने कहा कि आत्मा को जन्म और मृत्यु के बंधन से मुक्त कराने के लिए भक्ति मार्ग से जुड़कर सत्कर्म करना होगा। हवन-यज्ञ से वातावरण और वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मन वांछित फल प्रदान करते हैं। कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। श्रीमद्भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है।
इस अवसर पर विजय, दिनेश, सुधीर कौशिक, हरिराम, जय भगवान, राकेश जैन, जयप्रकाश, वंश, गोपाल शर्मा, श्यामलाल आदि मौजूद रहे।
जीवन भर याद रहेगी सुदामा और कृष्ण की सच्ची मित्रता:- मुरारी दास महाराज
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