अल्मोड़ा: अल्मोड़ा के मरचूला में हुए भीषण बस हादसे ने एक गांव को तबाह कर दिया है। बराथ मल्ला गांव में इस हादसे में सबसे ज्यादा 6 लोगों की जान गई है। पूरे गांव में मातम छाया हुआ है।
एक गांव का सपना टूटा:
बराथ मल्ला गांव में हर घर में मातम का माहौल है। किसी ने अपने माता-पिता को खोया तो किसी ने बेटा या बेटी। हादसे में राकेश ध्यानी और उनकी बेटी मानसी की मौत हो गई। राकेश गांव में चक्की चलाते थे और परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे। उनकी पत्नी और मां का रो-रोकर बुरा हाल है।
सामूहिक अंतिम संस्कार:
हादसे में मृतकों का अंतिम संस्कार सल्ड महादेव स्थित घाट पर सामूहिक रूप से किया गया। धुमाकोट के 10 और अल्मोड़ा की सल्ट तहसील के एक व्यक्ति समेत कुल 11 मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया। एक साथ 11 चिताएं जलते देख हर किसी की आंखें नम हो गईं।
प्रशासन की मदद:
जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद पहुंचाई। जिलाधिकारी, एसएसपी और अन्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं कीं।
हादसे के कारण:
हादसे के कारणों की जांच अभी भी जारी है। हालांकि, प्रारंभिक जांच में वाहन की खराबी, सड़क की खराब स्थिति और ओवरलोडिंग जैसे कारण सामने आए हैं।
सवाल उठ रहे हैं:
यह हादसा उत्तराखंड की सड़क सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। सरकार को सड़कों की मरम्मत और वाहनों की जांच पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
अल्मोड़ा बस हादसा: बराथ मल्ला गांव में छाया मातम, सामूहिक अंतिम संस्कार
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