हरिद्वार
चैंपियन के बेटे पर बड़ी कार्रवाई: हरिद्वार DM ने 3 असलहा लाइसेंस किए निलंबित, मां का गनर भी छीना गया
देहरादून मारपीट मामले में फंसे पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बेटे दिव्य प्रताप सिंह के तीन असलहा लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। गनर के गलत उपयोग पर उसकी भी छुट्टी कर दी गई।
देहरादून। भाजपा के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बेटे दिव्य प्रताप सिंह पर हुई सरेराह मारपीट और पिस्टल लहराने की घटना के बाद प्रशासन ने बेहद सख्त रुख अपनाया है। हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दिव्य प्रताप सिंह के तीनों असलहों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं। यह कार्रवाई देहरादून के एसएसपी अजय सिंह की रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
गनर के दुरुपयोग पर सस्पेंशन
दरअसल, यह पूरा मामला शुक्रवार रात राजपुर रोड पर हुआ। पूर्व मुख्य सचिव एस रामास्वामी के बेटे आर यशोवर्धन और उनके ड्राइवर को जबरन रोककर दिव्य प्रताप सिंह ने मारपीट की थी। इस दौरान दिव्य प्रताप के साथ उनकी मां देवयानी सिंह को आवंटित सरकारी गनर राजेश सिंह भी मौजूद था। गनर, जिस निजी कार में था, उस पर नियम विरुद्ध तरीके से ‘एस्कार्ट’ लिखा गया था। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि गनर राजेश सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है और उसके गलत उपयोग के कारण चैंपियन की पत्नी को दूसरा गनर भी नहीं दिया गया है।
सीसीटीवी फुटेज में पिस्टल लहराते दिखे दिव्य प्रताप
राजपुर थाने में यशोवर्धन की शिकायत पर दिव्य प्रताप सिंह और गनर राजेश सिंह पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस द्वारा खंगाले गए सीसीटीवी फुटेज में यह साफ सामने आया है कि गनर राजेश सिंह जिस ‘एस्कार्ट’ लिखी कार में था, उसने पूर्व मुख्य सचिव की कार को जबरन रुकवाया। इसके बाद दिव्य प्रताप सिंह लग्जरी कार से बाहर आए और उन्होंने पिस्टल लहराने के साथ ही डंडे और लात-घूंसों से मारपीट की। गनर राजेश सिंह ने इस सरेराह हुई घटना की सूचना पुलिस को देने के बजाय, आरोपी दिव्य प्रताप का पूरा साथ दिया, जिसके कारण उसे भी मामले में आरोपी बनाया गया है।
कड़ी कार्रवाई से सख्त संदेश
इस घटना के सामने आने के बाद हरिद्वार जिला प्रशासन ने तुरंत सख्ती दिखाई है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने देहरादून से रिपोर्ट मिलने के बाद दिव्य प्रताप सिंह के सभी लाइसेंसधारी असलहों को निलंबित कर दिया। इस मामले में पुलिस जल्द ही आरोपी सिपाही राजेश सिंह के बयान दर्ज करेगी। यह प्रशासनिक कार्रवाई दर्शाती है कि कानून का उल्लंघन करने वाले या सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करने वाले प्रभावशाली व्यक्तियों को भी बख्शा नहीं जाएगा।
