देहरादून
उत्तराखंड विजिलेंस का बड़ा एक्शन! नैनीडांडा का मेडिकल अफसर ₹20,000 रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार
उत्तराखंड विजिलेंस ने नैनीडांडा (पौड़ी) के प्रभारी सीएचसी मेडिकल अफसर को ₹20,000 की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा। नर्सिंग अधिकारी से मांगी थी रिश्वत। विजिलेंस की टीम आरोपी के ठिकानों पर तलाशी ले रही है।
देहरादून। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान को जारी रखते हुए विजिलेंस (सतर्कता विभाग) ने आज एक बड़ी कार्रवाई की है। विजिलेंस की टीम ने नैनीडांडा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के प्रभारी मेडिकल अफसर को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया है। इस कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।
नियुक्ति बनाए रखने के लिए मांगी थी रिश्वत
बताया जा रहा है कि आरोपी प्रभारी सीएचसी नैनीडांडा ने अदालीखाल पीएचसी पर नियुक्त एक नर्सिंग अधिकारी से रिश्वत की मांग की थी। यह रिश्वत नर्सिंग अधिकारी की नियुक्ति को उसी पीएचसी पर बनाए रखने के एवज में मांगी गई थी। अधिकारी ने इस काम के लिए बीस हजार रुपये की मांग की थी। पीड़ित नर्सिंग अधिकारी ने तुरंत इस भ्रष्टाचार की शिकायत विजिलेंस विभाग से की, जिसके बाद विभाग ने एक्शन लेने की योजना बनाई।
ट्रैप टीम ने किया अधिकारी को काबू
शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस की ट्रैप टीम सक्रिय हुई और उसने जाल बिछाया। मंगलवार को टीम ने रिश्वत की रकम देते समय मेडिकल अफसर को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। रिश्वतखोरी के इस मामले में अभियुक्त की गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। वर्तमान में विजिलेंस की टीम अभियुक्त के आवास पर भी तलाशी ले रही है और उसकी चल-अचल सम्पत्ति के संबंध में पूछताछ कर रही है। (भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए उत्तराखंड सरकार के कदम जानने के लिए देखें: https://vigilance.uk.gov.in)
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश
इस कार्रवाई ने सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार फैलाने वालों को एक सख्त संदेश दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत विजिलेंस लगातार बड़ी मछलियों पर शिकंजा कस रही है। पुलिस का कहना है कि गहन पूछताछ और तलाशी के बाद अभियुक्त के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
