नई दिल्ली
पूर्व सैनिकों और आश्रितों को केंद्र का बड़ा उपहार, वित्तीय सहायता राशि 100% बढ़कर हुई दोगुनी
रक्षा मंत्रालय ने पूर्व सैनिकों और वीर नारियों की वित्तीय सहायता 100% बढ़ा दी है। निराश्रयता अनुदान ₹4 हजार से ₹8 हजार, शिक्षा अनुदान ₹1 हजार से ₹2 हजार हुआ। जानें किसे कितना मिलेगा।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने दीपावली से ठीक पहले देश के पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को एक शानदार उपहार दिया है। रक्षा मंत्रालय ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली वित्तीय सहायता राशि को 100 प्रतिशत तक बढ़ाकर दोगुना करने की महत्वपूर्ण घोषणा की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को इस वृद्धि को तत्काल मंजूरी दे दी है। इस फैसले से लाखों वीर नारियों और पूर्व सैनिकों को सीधा लाभ मिलेगा।
मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, निराश्रयता अनुदान को प्रति लाभार्थी चार हजार रुपये से बढ़ाकर आठ हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है। यह राशि 65 वर्ष से अधिक आयु के वृद्ध और गैर-पेंशनभोगी पूर्व सैनिकों को आजीवन आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी, जिनकी आय का कोई नियमित स्रोत नहीं है। इसी तरह, पूर्व सैनिकों के आश्रित बच्चों (कक्षा एक से स्नातक तक) के लिए शिक्षा अनुदान भी एक हजार रुपये से दोगुना कर दो हजार रुपये प्रति व्यक्ति प्रति माह कर दिया गया है।
वित्तीय सहायता में एक और बड़ी वृद्धि विवाह अनुदान में की गई है। विवाह अनुदान को प्रति लाभार्थी 50 हजार रुपये से बढ़ाकर सीधा एक लाख रुपये कर दिया गया है। यह संशोधित अनुदान पूर्व सैनिकों की अधिकतम दो पुत्रियों के विवाह और वीर नारियों के पुनर्विवाह पर लागू होगा। सरकार का यह कदम पूर्व सैनिकों के प्रति सम्मान और उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
इन संशोधनों से सरकार पर सालाना लगभग 257 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आएगा। यह पूरा खर्च सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष (एएफएफडीएफ) से वहन किया जाएगा। हालांकि, यह संशोधित दरें एक नवंबर, 2025 से प्राप्त होने वाले आवेदनों पर लागू होंगी। सरकार का मानना है कि वित्तीय सहायता में यह वृद्धि ऐसे समय में सैनिकों और उनके परिवारों को बड़ी राहत देगी, जब महंगाई एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
