हल्द्वानी
सीएम धामी का बड़ा बयान: “पहाड़ों पर घुसपैठ की साजिश, डेमोग्राफी चेंज नहीं होने देंगे”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी में कहा कि जेहादी लोग पहाड़ों पर घुसपैठ कर अवैध बसावट की कोशिश कर रहे हैं। सीएम ने 10 हजार हेक्टेयर भूमि मुक्त कराने और प्रमाण पत्रों की जाँच के आदेश दिए।
हल्द्वानी: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में अवैध घुसपैठ और सुनियोजित तरीके से हो रहे जनसांख्यिकी परिवर्तन (Demographic Change) पर बड़ा और सख्त बयान दिया है। हल्द्वानी में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि “जेहाद पसंद लोग” पहाड़ों पर घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जहां भी खाली या सरकारी ज़मीनें हैं, वहाँ अवैध तरीके से बसावट करने की साज़िश रची जा रही है, जिसे उनकी सरकार किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में सुनियोजित तरीके से डेमोग्राफी चेंज की साजिशें चल रही हैं। इस साज़िश के तहत बाहरी राज्यों के लोगों को अवैध रूप से उत्तराखंड के स्थाई समेत अन्य महत्वपूर्ण प्रमाण पत्र जारी किए गए थे। सीएम ने बताया कि सरकार ने इस पर सख्त कार्रवाई की है और पूरे प्रदेश में सभी प्रमाण पत्रों की गहन जांच के आदेश दिए गए हैं। सरकार की त्वरित कार्रवाई के परिणामस्वरूप, अवैध रूप से देवभूमि में बसे घुसपैठियों से दस हजार हेक्टेयर से अधिक सरकारी भूमि को मुक्त कराया जा चुका है।
इस अवसर पर, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी भी मौजूद थे, जिन्होंने सीएम धामी की जमकर तारीफ की। जोशी ने कहा कि जिस तरह सीआरपीएफ ने देश से नक्सलवाद को ख़त्म किया, उसी तरह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में भ्रष्टाचार को जड़ से ख़त्म करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीएम धामी खुद एक सैनिक परिवार से आते हैं, इसलिए उन्हें सैनिकों के जीवन और उनके बलिदान का मोल अच्छी तरह पता है। उनकी रगों में सैनिक का खून है और वह हमेशा सैनिक परिवारों के कल्याण के लिए योजनाएँ लाते रहे हैं।
सीएम धामी ने हल्द्वानी के संवेदनशील क्षेत्र वनभूलपुरा में हुए अतिक्रमण और पूर्व में हुई हिंसा का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि वनभूलपुरा में अतिक्रमण को लेकर अदालत का जो भी फैसला आएगा, सरकार उसके लिए पूरी तरह से तैयार है। हिंसा के संबंध में सीएम ने कहा कि दंगाइयों से सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की पाई-पाई की वसूली की गई है। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि कानून-व्यवस्था तोड़ने वालों और देवभूमि की पहचान बदलने की कोशिश करने वालों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
