देहरादून
देहरादून: करोड़ों की ठगी करने वाली माइक्रोफाइनेंस कंपनी पर मुकदमा, डायरेक्टर और फाउंडर फरार
देहरादून। नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने दून समृद्धि निधि लिमिटेड (सर्व माइक्रोफाइनेंस इंडिया एसोसिएशन) के संचालकों पर करोड़ों रुपये की ठगी का मुकदमा दर्ज किया है। कंपनी के डायरेक्टर नीलम चौहान और फाउंडर मेंबर जगमोहन सिंह चौहान सहित छह नामजद और अन्य अज्ञात आरोपियों पर कार्रवाई की गई है। दोनों मुख्य आरोपी वर्तमान में फरार बताए जा रहे हैं।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि चौकी प्रभारी बाईपास प्रवीण पुंडीर की तहरीर पर गुरुवार को केस दर्ज किया गया। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि वर्ष 2022 से संस्कार इन्कलेव, दून यूनिवर्सिटी रोड स्थित कंपनी कार्यालय में आरडी, एफडी और डीडीएस खातों के नाम पर लोगों को मोटे मुनाफे का झांसा देकर खाता खुलवाए गए।
जांच में खुलासा हुआ कि फाउंडर जगमोहन सिंह चौहान ने लोगों को उच्च ब्याज दरों और बड़े कमीशन का लालच दिया। इसी बहाने कंपनी में जोनल हेड कमलेश बिजल्वाण (जीवनवाला भानियावाला), ब्रांच हेड कुसुम शर्मा (टीएचडीसी कॉलोनी), एडमिन मैनेजर अनित रावत (मोथरोवाला डांडी), कैशियर दीपिका और करीब 30 एजेंटों को जोड़ा गया। इनके जरिए सैकड़ों निवेशकों से करोड़ों रुपये जमा कराए गए। रकम मुख्य रूप से एसबीआई, यस बैंक, कैनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया के खातों में जमा की गई।
मैच्योरिटी पूरी होने पर निवेशकों को असली भुगतान करने के बजाय फर्जी बांड थमा दिए जाते थे। कुछ महीनों से कंपनी ने जमाकर्ताओं को पैसा लौटाना बंद कर दिया, जिससे लोगों को शक हुआ और शिकायतें पुलिस तक पहुंचीं।
पुलिस ने कंपनी के सभी बैंक खातों की जांच शुरू कर दी है और उन्हें फ्रीज भी कराया गया है। साथ ही, कंपनी से जुड़े एजेंटों से पूछताछ चल रही है ताकि ठगी के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके। फिलहाल मुख्य आरोपी पति-पत्नी नीलम और जगमोहन सिंह चौहान फरार बताए जा रहे हैं।
इस मामले में नेहरू कॉलोनी थाने में उत्तराखंड चिटफंड अधिनियम और धोखाधड़ी से संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि शीघ्र ही आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें भेजी जाएंगी।
यह मामला न केवल निवेशकों को सबक देता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि लालच और ऊंचे ब्याज दरों के झांसे में आकर मेहनत की कमाई ठगों के जाल में फंस सकती है। पुलिस ने जनता से अपील की है कि किसी भी कंपनी या संस्था में पैसा लगाने से पहले उसकी वैधता और रजिस्ट्री की पूरी तरह जांच अवश्य करें।
