नई दिल्ली
देहरादून: बेटे ने उपेक्षा कर बेदखल किया, डीएम कोर्ट ने निरस्त की गिफ्ट डीड, बुजुर्गों को लौटाई संपत्ति
देहरादून। “जिसे सब कुछ सौंपा, उसी ने बेसहारा कर दिया…” — यह दर्द है उस बुजुर्ग दंपति का, जिन्होंने अपने जीवन की 3080 वर्गफुट की संपत्ति और व्यापार अपने बेटे के नाम कर दिया, लेकिन बदले में मिली केवल उपेक्षा, तिरस्कार और अंततः बेदखली।
मामला जब तहसील और थाने तक पहुंचने के बाद भी नहीं सुलझा, तो बुजुर्ग माता-पिता ने न्याय की आस में जिला अधिकारी (डीएम) सविन बंसल की अदालत का दरवाजा खटखटाया। डीएम कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए बेटे के नाम की गिफ्ट डीड निरस्त कर दी और पूरी संपत्ति फिर से बुजुर्ग दंपति के नाम करने का आदेश दिया।
भरण-पोषण कानून के तहत की गई इस कार्रवाई में अदालत ने पाया कि बेटे ने गिफ्ट डीड की शर्तों का उल्लंघन किया है और माता-पिता की उपेक्षा कर उनका मानसिक व सामाजिक उत्पीड़न किया।
अदालत के फैसले के बाद बुजुर्ग माता-पिता की आंखों से आंसू छलक पड़े, लेकिन इस बार वह दुख के नहीं, न्याय की संतुष्टि के आंसू थे। यह फैसला उन सभी बुजुर्गों के लिए उम्मीद की किरण बन सकता है, जो अपने ही बच्चों के हाथों अपमान और उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं।
