हल्द्वानी
गन्ना किसानों को धामी सरकार का तोहफा: ₹30 समर्थन मूल्य बढ़ा, UP से आगे उत्तराखंड!
उत्तराखंड की धामी सरकार ने गन्ना किसानों के लिए समर्थन मूल्य (SAP) में ₹30 प्रति क्विंटल की ऐतिहासिक बढ़ोतरी की है। जानें नई दरें, किसानों को कितना फायदा मिलेगा और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से तुलना।
हल्द्वानी। उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने प्रदेश के गन्ना किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। किसानों की लंबी समय से चली आ रही मांग को देखते हुए सरकार ने गन्ना के समर्थन मूल्य (SAP) में ₹30 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी का ऐतिहासिक फैसला लिया है। इस फैसले के बाद अब उत्तराखंड पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से भी ज्यादा गन्ना समर्थन मूल्य देने वाला राज्य बन गया है।
नई दरें लागू और किसान मोर्चा का धन्यवाद
भाजपा किसान मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र सिंह नेगी जी ने मंगलवार, 2 दिसंबर को कुमाऊं संभाग कार्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान इस फैसले को ऐतिहासिक करार दिया। उनके मुताबिक, शीघ्र प्रजाति वाले गन्ने का मूल्य अब ₹375 प्रति क्विंटल से बढ़कर ₹405 प्रति क्विंटल हो गया है। वहीं, सामान्य प्रजाति के गन्ने का समर्थन मूल्य ₹365 प्रति क्विंटल से बढ़कर ₹395 प्रति क्विंटल हो गया है। यह बढ़ोतरी इसी पेराई सत्र से लागू हो गई है। किसान मोर्चा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी का इसके लिए धन्यवाद किया।
2.98 लाख किसानों को सीधा फायदा
महेंद्र नेगी जी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री धामी जी ने किसान हित में अभूतपूर्व निर्णय लेकर साबित कर दिया है कि वह असल में किसान पुत्र हैं। इस निर्णय का सीधा फायदा प्रदेश के लगभग 2.98 लाख पंजीकृत गन्ना किसानों को मिलने जा रहा है। इस साल प्रदेश में 88,603 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की पैदावार हो रही है, जिससे तकरीबन 738.95 लाख क्विंटल गन्ने की पैदावार होने की उम्मीद है। यह फैसला किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।
भुगतान और पेराई में कोई व्यवधान नहीं
किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी सुनिश्चित किया कि धामी सरकार प्रदेश की आठों चीनी मिलों में गन्ना लाने वाले किसानों को समय से भुगतान हो, इसके लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि पेराई में कोई व्यवधान न हो, इसके लिए सरकार चीनी मिलों को विशेष ऋण भी उपलब्ध करा चुकी है। इसी वर्ष, सरकार ने चीनी मिलों को ₹139.70 करोड़ की ऋण सहायता दी है। इससे प्रदेश की दो सहकारी, दो सार्वजनिक और चार प्राइवेट चीनी मिलों में किसानों का काम बिना रुकावट जारी रहेगा।
