नैनीताल
डिजिटल अरेस्ट का शिकार: साइबर ठगों ने रिटायर्ड CRPF कर्मी से 60 लाख की ठगी
नैनीताल। साइबर अपराधियों ने एक रिटायर्ड सीआरपीएफ कर्मी को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा और तीन दिनों के भीतर उसके खातों से 60 लाख रुपये उड़ा लिए। इस घटना से जिले में साइबर ठगी के नए और गंभीर तरीकों को लेकर चिंता बढ़ गई है।
पीड़ित खेम सिंह, निवासी नैनीताल ने कुमाऊं साइबर क्राइम थाना रुद्रपुर में तहरीर दी है। उन्होंने बताया कि 3 जुलाई को उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को टेलीकॉम विभाग का अधिकारी बताया और कहा कि उनके आधार कार्ड से फर्जी सिम कार्ड लेकर ब्लैकमेलिंग की जा रही है। इसके बाद खुद को साइबर क्राइम ब्रांच मुंबई का अधिकारी बताने वाले विजय खन्ना ने वीडियो कॉल पर बात कर डराया कि उनके नाम से केनरा बैंक मुंबई में एक खाता है, जिसमें 68 करोड़ का लेन-देन हुआ है।
खेम सिंह को ‘डिजिटल अरेस्ट’ में लेकर लगातार सर्विलांस में रहने और किसी से संपर्क न करने को कहा गया। व्हाट्सएप पर उन्हें एक नकली अदालत का आदेश भी भेजा गया। ठगों ने उनकी सभी संपत्ति, बैंक खाते और एफडी की जानकारी ली और ‘सत्यापन’ के नाम पर रकम मांगी। चार से 17 जुलाई के बीच उन्होंने विभिन्न खातों में 60 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
16 जुलाई को जब उन्होंने बेटे से पांच लाख रुपये मांगे तो बेटा घर आया और उन्हें ठगी का अहसास हुआ। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने नागरिकों से इस तरह के झांसे में न आने की अपील की है।
