गोपेश्वर: नमामि गंगे परियोजना के तहत स्थापित एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में लगे ट्रांसफार्मर की चपेट में आने से एक मादा भालू और उसके बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना नगर के वैतरणी क्षेत्र में हुई है।
बुधवार को एसटीपी के कर्मचारियों ने वन विभाग को इस घटना की सूचना दी। मौके पर पहुंची केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की टीम ने मृत भालुओं को बरामद किया और पोस्टमार्टम के बाद उनका अंतिम संस्कार किया।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, मादा भालू करीब छह साल की थी और उसका बच्चा 11 महीने का। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बच्चा पहले ट्रांसफार्मर के संपर्क में आया और करंट लगने से उसकी मौत हो गई। अपनी संतान को बचाने के प्रयास में मादा भालू भी करंट की चपेट में आ गई।
एसटीपी प्लांट की सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना के बाद नमामि गंगे के एसटीपी प्लांट की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्लांट के आसपास जंगली जानवरों के आने का खतरा रहता है, लेकिन ट्रांसफार्मर को सुरक्षित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि गत वर्ष चमोली में एक एसटीपी प्लांट में हुई दुर्घटना के बाद भी इस तरह की घटनाएं हो रही हैं, जो प्रशासन की लापरवाही को दर्शाती है।
जल संस्थान का पक्ष
वहीं, जल संस्थान के अधिकारियों का दावा है कि चमोली में हुई दुर्घटना के बाद सभी एसटीपी की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। वैतरणी स्थित एसटीपी के ट्रांसफार्मर के चारों ओर लकड़ी और लोहे की बैरिकेटिंग की गई है। लेकिन भालू और उसका बच्चा इन बैरिकेटिंग को तोड़कर ट्रांसफार्मर तक पहुंच गए।