नैनीताल
नैनीताल में डिजिटल अरेस्ट के जाल में फंसी पूर्व कुलपति, 1.47 करोड़ की ठगी
नैनीताल। मल्लीताल क्षेत्र में साइबर ठगों ने बीना साह, रुहेलखंड विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति को शिकार बना लिया। ठगों ने उन्हें ‘डिजिटल अरेस्ट’ का डर दिखाकर उनके तीन बैंक खातों से 1.47 करोड़ रुपये उड़ा लिए।
जानकारी के अनुसार, 14 अगस्त को पीड़िता को अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉलर ने खुद को आरबीआई का अधिकारी बताते हुए आरोप लगाया कि उनके खाते में हवाला के सात से आठ करोड़ रुपये आए हैं। इसके बाद एक अन्य व्यक्ति ने खुद को महाराष्ट्र पुलिस अधिकारी बताया और वीडियो कॉल पर महिला को हवाला कांड में फंसाने तथा ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखने की धमकी दी। डर और धमकी के चलते महिला ने बैंककर्मियों को घर बुलाया और उनकी मदद से पांच अलग-अलग खातों में 1.47 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए।
इस बीच लगातार बड़ी रकम के लेन-देन पर बैंककर्मियों को शक हुआ। उन्होंने महिला के रिश्तेदारों से संपर्क किया। रिश्तेदारों से चर्चा करने पर महिला को ठगी का एहसास हुआ। इसके बाद सोमवार को उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
सूचना मिलते ही एसआई दीपक कार्की ने 1930 नंबर पर शिकायत दर्ज कर ठगों के खातों को होल्ड करवाया। चूंकि रकम एक करोड़ से अधिक थी, मामले को साइबर थाना भेजा गया। साइबर थाना प्रभारी अरुण कुमार ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
एसपी यातायात एवं अपराध डॉ. जगदीश चंद्र ने बताया कि पीड़िता से पूछताछ कर आवश्यक दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि साइबर ठगों का सुराग लगाने के लिए गहन जांच की जाएगी।
यह घटना साइबर अपराधियों की नई चाल ‘डिजिटल अरेस्ट’ का ताजा उदाहरण है, जिसमें वे खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को धमकाते हैं और भारी-भरकम रकम हड़प लेते हैं।
