चमोली। गढ़वाल के रणकुणी गांव की ज्योति ने शुक्रवार रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। ज्योति बीते पांच महीने से गहरे अवसाद में थी। उसके परिवार में पिछले साल धनतेरस के दिन दिल दहला देने वाली घटना हुई थी, जिसने उसका पूरा परिवार उजाड़ दिया।
धनतेरस पर हुई दिल दहला देने वाली घटना
साल 2024 की धनतेरस पर गांव के ही एक व्यक्ति ने नारायण गिरी के घर में घुसकर सिलेंडर में आग लगाकर दरवाजा बंद कर दिया था। इस भीषण अग्निकांड में ज्योति की मां मुन्नी देवी और दो भाई, विनोद गिरी और जीवन गिरी की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस घटना में आरोपी भी मारा गया था। इस भयावह हादसे के बाद ज्योति और उसकी बड़ी बहन ही परिवार में बची थीं।
अवसाद में डूबी ज्योति ने चुना मौत का रास्ता
इस घटना के बाद से ज्योति का व्यवहार बदल गया था। वह गुमसुम रहने लगी और धीरे-धीरे अवसाद की चपेट में आ गई। बड़ी बहन की शादी के बाद ज्योति और अकेली हो गई थी। जीआईसी बंतोली में 12वीं की छात्रा ज्योति ने मानसिक तनाव को सहन नहीं कर पाई और शुक्रवार रात पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली।
पिता का फिर टूटा सहारा
बेटी की मौत के बाद से पिता नारायण गिरी पूरी तरह टूट गए हैं। राजस्व उपनिरीक्षक दिवस तिवारी ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया गया है। इस दुखद घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है।
