धर्म-कर्म/मेले-पर्व

रुद्राक्ष धारण कर नकारात्मक ऊर्जा से मिलेगा छुटकारा, लेकिन इन नियमों के साथ

महाशिवरात्रि आज: इस दिन हुआ था भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह

हल्द्वानी। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि पर्व है। हिंदू धर्म में प्रमुख त्योहारों में एक महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की विधिवत पूजा अर्चना का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का शुभ विवाह हुआ था। इस दिन विधिवत पूजा और व्रत रखने के साथ कुछ उपाय भी अपना सकते हैं। इसके अलावा आप चाहे तो रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं। रुद्राक्ष को भगवान शंकर का अंश रूप माना जाता है। जानिए रुद्राक्ष धारण करते समय किन बातों का रखें ख्याल। भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुए रुद्राक्ष को धारण करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही कई रोगों से भी बचाव होता है।

यह भी पढ़ें 👉  सनातन परंपरा में शंख बजाने का क्या है महत्व, असली-नकली शंख की क्या है पहचान, देखें और पढ़े

रुद्राक्ष पहनने के नियम

• शास्त्रों के अनुसार, रुद्राक्ष को हमेशा गले, कलाई या फिर हद्य में ही धारण करना चाहिए।

• अगर हाथ में पहन रहे है तो 12 दाने,  हद्य में 108 दाने और गले में पहन रहे है, तो 36 दानों वाली माला पहनें।

• अगर आप अधिक रुद्राक्ष  धारण नहीं करना चाहते हैं, तो हृदय तक लाल रंग के धागे में रुद्राक्ष का एक दाना पहन सकते हैं।

• रुद्राक्ष को सोमवार, महाशिवरात्रि या फिर सावन महीने में ही पहन सकते हैं।

• रुद्राक्ष को कभी भी काले रंग के धागे में नहीं पहनना चाहिए।

यह भी पढ़ें 👉  जीवन भर याद रहेगी सुदामा और कृष्ण की सच्ची मित्रता:- मुरारी दास महाराज

• किसी को उपहार में न ही रुद्राक्ष दें और न ही किसी दूसरे से लें।

• शास्त्रों के अनुसार, रुद्राक्ष को कभी भी श्मशान घाट नहीं ले जाना चाहिए। इससे अशुभ फल मिलता है।

• नवजात के जन्म के दौरान या जहां नवजात शिशु का जन्म होता है वहां भी रुद्राक्ष ले जाने से बचना चाहिए।

• महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष पहनने से बचना चाहिए। माना जाता है कि इस दौरान रुद्राक्ष पहनने से वह अशुद्ध हो जाता है।

• रुद्राक्ष धारण करने के मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल भी न करें।

• कभी भी रुद्राक्ष को गंदा न रखें। समय-समय पर गंगाजल से रुद्राक्ष को साफ करते रहें, जिससे उसकी पवित्रता बनी रहे।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

CWN उत्तराखंड समेत देश और दुनिया भर के नवीनतम समाचारों का डिजिटल माध्यम है। अपने विचार या समाचार प्रसारित करने के लिए हमसे संपर्क करें। धन्यवाद

[email protected]

संपर्क करें –

ईमेल: [email protected]

Select Language

© 2023, CWN (City Web News)
Get latest Uttarakhand News updates
Website Developed & Maintained by Naresh Singh Rana
(⌐■_■) Call/WhatsApp 7456891860

To Top
English हिन्दी