देहरादून
सरकारी शिक्षक ने खोली फर्जी चिटफंड कंपनी, 47 करोड़ की ठगी में गिरफ्तार
देहरादून। दून समृद्धि निधि लिमिटेड (सर्व माइक्रोफाइनेंस इंडिया एसोसिएशन) नाम से फर्जी चिटफंड कंपनी चलाकर हजारों निवेशकों से 47 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने वाले सरकारी शिक्षक जगमोहन सिंह चौहान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी अपनी पत्नी के नाम पर यह कंपनी संचालित कर रहा था और आम लोगों को ऊंचे ब्याज व आकर्षक रिटर्न का लालच देकर धोखाधड़ी करता था।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि बीते कई महीनों से पुलिस को इस कंपनी के खिलाफ शिकायतें मिल रही थीं कि निवेश की गई रकम का रिटर्न नहीं दिया जा रहा है। जांच में खुलासा हुआ कि वर्ष 2022 में संस्कार एन्क्लेव, दून यूनिवर्सिटी रोड पर यह कंपनी स्थापित की गई थी। कंपनी का फाउंडर मेंबर आरोपी जगमोहन सिंह चौहान था, जबकि उसकी पत्नी नीलम चौहान डायरेक्टर के रूप में कार्यरत थी।
कंपनी आरडी, एफडी और डीडीएस जैसे खातों के नाम पर लोगों से धन जमा करवाती थी। इसके लिए अधिक कमीशन और ऊंचे ब्याज का लालच दिया जाता था। इस योजना में जोनल हेड कमलेश बिजल्वाण (जीवनवाला भानियावाला), ब्रांच हेड कुसुम शर्मा (टीएचडीसी कॉलोनी), एडमिन मैनेजर अनित रावत (मोथरोवाला डांडी), कैशियर दीपिका, और करीब 30 एजेंट शामिल थे। इन सभी ने मिलकर देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये नकद व बैंक खातों में जमा कराए।
जांच में सामने आया कि जमा की गई अधिकांश रकम को आरोपी ने निजी उपयोग में खर्च कर दिया और कुछ रकम अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी गई। पुलिस ने वित्तीय लेनदेन के सभी रिकॉर्ड खंगाले और ठोस सबूत मिलने पर मुख्य आरोपी जगमोहन सिंह चौहान, मूल निवासी सटेन गजा, थाना नरेंद्रनगर, जिला टिहरी, हाल निवासी ई-ब्लॉक, सरस्वती विहार, नेहरू कॉलोनी, देहरादून को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी को पूछताछ के बाद अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। अन्य आरोपियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। फिलहाल पुलिस ठगी से जुड़ी रकम की रिकवरी और अन्य निवेशकों की सूची तैयार करने में जुटी है। इस बड़े चिटफंड घोटाले ने एक बार फिर निवेश योजनाओं में सतर्कता बरतने की जरूरत को उजागर किया है।
