हल्द्वानी
हल्द्वानी: माता-पिता की डांट से दुखी किशोरी ने गाड़ियों के आगे कूदकर जान देने की कोशिश
हल्द्वानी की नैनीताल रोड पर बुधवार रात एक 15-16 साल की किशोरी ने वाहनों के सामने कूदकर आत्महत्या का प्रयास किया। जानें स्थानीय लोगों ने कैसे बचाया, क्या थी वजह, और पुलिस ने कैसे की काउंसलिंग के बाद परिजनों को सुपुर्द।
हल्द्वानी: नैनीताल रोड पर बुधवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। एक 15-16 साल की किशोरी ने गाड़ियों के आगे कूदकर कई बार अपनी जान देने की कोशिश की। यह देखकर स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया। हालांकि, लोगों की समय पर दिखाई गई तत्परता के कारण एक बड़ा हादसा टल गया और किशोरी को सुरक्षित बचा लिया गया। लोगों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी।
पुलिस पूछताछ में सामने आया ‘डांट-फटकार’ का मामला
सूचना मिलते ही भोटिया पड़ाव चौकी प्रभारी अनिल कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस को देखते ही किशोरी रोने लगी और कहने लगी, “मुझे अकेला छोड़ दो, मैं अपनी जान देने निकली हूँ।” पुलिस किशोरी को समझा-बुझाकर चौकी ले आई और उसके परिजनों को भी बुलाया गया। पुलिस ने जब किशोरी से आत्महत्या की कोशिश की वजह पूछी, तो पता चला कि यह सब परिजनों की डांट-फटकार से उपजे तनाव के कारण हुआ था।
घंटों चली काउंसलिंग, तब जाकर सुरक्षित हुई घर वापसी
चौकी पर पुलिस टीम ने किशोरी और उसके परिजनों दोनों की एक घंटे से अधिक समय तक सघन काउंसलिंग की। पुलिस अधिकारियों ने किशोरी को समझाया कि समस्याओं का समाधान आत्महत्या नहीं है, बल्कि खुलकर बात करना है। वहीं, परिजनों को भी बच्चों के साथ व्यवहार करते समय धैर्य रखने और उन्हें प्यार से समझाने की सलाह दी गई। इस काउंसलिंग के बाद परिवार का माहौल थोड़ा शांत हुआ। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाया कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी है।
पुलिस ने परिजनों को सुपुर्द किया, तनाव से बचने की दी सलाह
करीब एक घंटे की काउंसलिंग और दोनों पक्षों के आश्वासन के बाद पुलिस ने किशोरी को सकुशल उसके घरवालों के सुपुर्द कर दिया। पुलिस टीम ने यह सुनिश्चित किया कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो। यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि आजकल के तनाव भरे माहौल में माता-पिता और बच्चों के बीच संवाद (Communication) कितना आवश्यक है।
