हल्द्वानी

हल्द्वानी का बस अड्डा तीन साल के लिए दूसरी जगह शिफ्ट होगा

बस अड्डे में ‘हल्द्वानी एकीकृत शहरी अवसंरचना विकास परियोजना’ के तहत प्रशासनिक भवन और बस अड्डा बनाया जाना है

हल्द्वानी। हल्द्वानी का बस अड्डा अगले तीन साल के लिए दूसरी जगह शिफ्ट होगा। इसके लिए शहर में तीन अशासकीय स्कूल समेत वन विभाग की भूमि का निरीक्षण किया जा चुका है। अफसरों की मानें तो बरेली रोड स्थित महात्मा गांधी इंटर कॉलेज को रोडवेज का अस्थायी बस अड्डा बनाने के लिए मुफीद माना गया है। हालांकि, स्कूल का कहना है कि बीते दिनों हुई प्रबंधन की बैठक में बस अड्डा बनाने को लेकर सहमति नहीं बनी है। मामले में उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलपमेंट एजेंसी (यूयूएसडीए) का कहना है कि स्कूल प्रबंधन की ओर से इसकी कोई लिखित जानकारी नहीं दी गई है।
प्रोजेक्ट मैनेजर कुलदीप सिंह ने बताया कि परिवहन निगम को अस्थायी बस अड्डे के लिए 50 मी. लंबाई, 20 मी. चौड़ाई वाली भूमि की जरूरत है। एमजी इंटर कॉलेज के मैदान की भूमि इस अनुसार पर्याप्त है। यूयूएसडीए के अनुसार नया बस अड्डा अधिकतम तीन साल में पूरा किया जाएगा। ऐसी स्थिति में का संचालन जिस नई जगह से होगा उसे तीन साल के लिए लिया जाएगा।
यूयूएसडीए की अगुवाई में रोडवेज, निगम आदि विभागों की संयुक्त टीम ने सितंबर में सबसे पहले एफटीआई रोड स्थित एचएन इंटर कॉलेज के खेल मैदान का निरीक्षण अस्थायी बस अड्डा बनाने के लिए किया। इसके बाद क्रियाशाला रोड स्थित वन विभाग की भूमि को देखा गया। टीम बाद में एमबी इंटर कॉलेज के मैदान भी पहुंची। एचएन इंटर कॉलेज में बस अड्डा बनाने को विभाग एकमत नहीं हुए। वन विभाग की भूमि में कई हरे पेड़ होने की वजह से वहां भी मना कर दिया गया। एमबी इंटर कॉलेज के मैदान की तरफ जाने वाली सड़क के काफी संकरा होने के कारण वहां भी बात नहीं बनी। अंत में टीम महात्मा गांधी इंटर कॉलेज पहुंची। यहां पर्याप्त भूमि और आवागमन का रास्ता मिलने पर सभी विभागों ने सहमति जताई।
हल्द्वानी रोडवेज स्टेशन के एआरएम सुरेंद्र सिंह ने बताया कि वर्तमान में बस अड्डे से करीब 70 बसों का संचालन किया जाता है। इसी तरह अस्थायी बस अड्डे में भी कम से कम इतनी जगह होनी चाहिए कि, वहां रोजाना 40 रोडवेज की बसें आ जा सकें। जबकि, 25 से 30 बसें खड़ी की जा सकें।
यूयूएसडीए के प्रोजेक्ट मैनेजर कुलदीप सिंह ने बताया कि एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) वित्त पोषित ‘हल्द्वानी एकीकृत शहरी अवसंरचना विकास परियोजना’ के तहत शहर के बीचों-बीच प्रशासनिक भवन और बस अड्डा बनाया जाना है। जिसकी लागत करीब 300 करोड़ आंकी गई है। नया बस अड्डा बनाने के लिए पुराने बस अड्डे की भूमि का इस्तेमाल होगा। ऐसे में जब परियोजना का काम शुरू होगा तो रोडवेज बसों का संचालन दूसरी जगह से करना पड़ेगा। इसी लिहाज से भूमि की तलाश की जा रही है।

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