दिल के दर्द का दोस्त यहाँ, एहसास किसे होता है।
कोई तड़पता रहा प्यार में तेरे, विश्वास किसे होता है।
जिसके लिये तू ही उसकी,सारी दुनियाँ था मेरे दोस्त ।
चोट पहुंचा के भी जख्म का,आभास किसे होता है।
डॉ. कल्पना कुशवाहा ‘ सुभाषिनी ‘
दिल के दर्द का दोस्त यहाँ, एहसास किसे होता है।
कोई तड़पता रहा प्यार में तेरे, विश्वास किसे होता है।
जिसके लिये तू ही उसकी,सारी दुनियाँ था मेरे दोस्त ।
चोट पहुंचा के भी जख्म का,आभास किसे होता है।
डॉ. कल्पना कुशवाहा ‘ सुभाषिनी ‘