घास-पत्ती खाता है, नुकसान नहीं पहुंचता, घर का आंगन में पहुंच जाता
देहरादून। छिददरवाला क्षेत्र में इन दिनों एक दांत वाला हाथी चर्चा का विषय बना हुआ है। ये एक दांत वाला हाथी गांव के भीतर अक्सर देखा जाता है। गांव के खेत खलिहान में लगी घास व चारापत्ती को अपना भोजन बनाने के इतर इस दौरान ये एकदन्त कही किसी को कोई क्षति या नुकसान नही कर रहा है।
मजे की बात है कि यदि इस दौरान ग्रामीणों को हाथी के गांव में आने की भनक लग जाय तो वे इसको आसानी से हांककर आंगन व खेतो से दूर कर देते है। मजे की बात है कि यह एकदन्त भी पालतू पशु की भांति ग्रामीणों की हांक को वहा से जाने का आदेश समझकर चुपचाप दूसरी ओर का रुख कर लेता है। छिददरवाला क्षेत्र के एक छोर राजा जी पार्क से सटा है तो छोर बडकोट रेज से होने से अ्कसर ग्रामीणों के खेत मे प्रवेश करते है।
इस विशालकाय एक दन्त ने ग्रामीणों की हांक पर जरा भी विरोध या गुस्सा नही किया। हाथी के इस तरह के स्वभाव को देखते हुए क्षेत्र के लोगों की इसके प्रति धारणा बदल रही है। लोगो का कहना है कि यदि रास्ते मे आते जाते इस एकदन्त का सामना लोगों से हो भी जाय तो या तो ये अपना मार्ग बदल देता है। या फिर उनके वहां से गुजरजाने तक खड़े रहकर इंतजार करता है। कभी भी किसी के प्रति हमलावर नही हुआ। आज भी यही एक दांत वाला हाथी प्रात: 5 बजे चकजोगीवाला मे ग्रामीण प्रमोद रावत के घर के आंगन के आ धमका। जिसको परिजनो ने हो हल्ला मचाकर जंगल की ओर भगा दिया।
देहरादून में एक दांत वाला ऐसा हाथी जो जंगली है लेकिन समझदार
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