न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की वैकेशनल एकलपीठ ने मामले को सुनते हुए अगली तिथि 14 फरवरी के लिए तय की
नैनीताल। (कमल जगाती)। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी के मलिक और अच्छन खान के बगीचे क्षेत्र में हुए अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण वाले नोटिस पर रोक लगाने संबंधी याचिका में राहत देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की वैकेशनल एकलपीठ ने मामले को सुनते हुए अगली तिथि 14 फरवरी के लिए तय कर दी है।
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय में हल्द्वानी निवासी साफिया मालिक और एक अन्य याचिका में नगर निगम के नोटिस को निरस्त करने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया कि उनके पास 1937 की लीज है जो मालिक परिवार से इन्हेरिट में इन्हें मिली है। सरकार उनसे कब्जा नहीं ले सकती। इसके नोटिस को चुनौती दी गई। एक अन्य याचिका में कहक़ गया कि अच्छन खान के बगीचे वाले क्षेत्र से दीवार का ध्वस्तीकरण न करते हुए तारबाड़ को हटाया जाए और जोर जबरदस्ती से कब्जा न लिया जाए। इन यकचिककर्ताओं को नगर निगम ने नोटिस भेज कहा कि वहां अवैध मदरसा चल जा रहा है जिसे हटा लें अथवा जिला प्रशासन इसे ध्वस्त कर देगा।
बता दें कि हल्द्वानी शहर में इनदिनों वृहद स्तर पर सड़क और आसपास से अतिक्रमण हटाओ अभियान चल रहा है। इस क्रम में जिला प्रशासन, राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी, लोक निर्माण विभाग, जिला विकास प्राधिकरण व अन्य संबंधित विभाग सख्ती के साथ काम कर रहे हैं। बीते दिनों बरेली रोड में मालिक का बगीचा नामक स्थान से अतिक्रमण कर बनाई गई के ध्वस्तीकरण के आदेश हुए थे जिसपर जमकर राजनीति और हंगामा हुआ था। आज मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को राहत न देते हुए अगली सुनवाई के लिए 14 फरवरी के समय रख दिया है। इससे प्रशासन के लिए न्यायालय की बंदिशें समाप्त हो गई हैं।
हल्द्वानी में मलिक और अच्छन खान के बगीचे क्षेत्र में अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण रोकने की याचिका में हाइकोर्ट के राहत देने से इनकार
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