हरिद्वार। खाकी आम जनता की सेवा में जितनी शिद्दत से अपना कर्तव्य निभाती है, उतना ही बेजुबां की बिन बोली बात को समझने का मार्मिक हृदय भी अपने पास रखती है । खाकी की मित्रता, सेवा व सुरक्षा मात्र इंसानों तक सीमित नही है बल्कि बेजुबां जानवरो को भी मित्रता, सेवा की जरूरत है यह बात खाकी समझती है,।
यह दर्शाने को जनपद हरिद्वार के हरकी पैड़ी चौकी तैनात जवान मुकेश डिमरी की हर सुबह की दिनचर्या को देख भलीभांति आभास हो जाता है। हरकी पैड़ी चौकी में तैनात पुलिस जवान मुकेश डिमरी खाकी का फर्ज निभाने को जितने अपनी ड्यूटी में कर्मठता दिखाते आये है उतना ही वह हरकी पैड़ी के आसपास मौजूद बेजुबां बंदरो को हर सुबह दाना खिलाने को अपनी दिनचर्या मे निरंतर है। उनके जीवन मे पिछले कई बरसो से शायद ही ऐसा दिन हुआ होगा जब वह चने का दाना लेकर बेजुबा बंदरों को खिलाने न पहुंचे हो। उनकी इस दिनचर्या के चलते हरकी पैड़ी के आसपास के बंदरो को भी उनका हर रोज़ इंतजार रहता है। मुकेश डिमरी के इस नेक कार्य से ‘खाकी में मानव’ की भूमिका चरितार्थ होती है, जो निश्चित ही उत्तराखंड पुलिस को इंसानों की ही नही जानवरों की भी ‘मित्र’ पुलिस बनाती है।