पिथौरागढ़: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र में व्यास घाटी को कचरे से मुक्त करने के लिए एक अभियान चलाया गया। इस अभियान में भारतीय पर्वतारोहण संस्थान (आईएमएफ), सुलभ इंटरनेशनल और आईस (इंट्रिसिक क्लाइंबर्स एंड एक्सप्लोरर्स) के सदस्यों ने मिलकर 549 बैग कचरा एकत्रित किया।
व्यास घाटी में कचरे का संकट
व्यास घाटी में पर्यटकों की बढ़ती संख्या के साथ ही कचरे की समस्या भी गंभीर होती जा रही थी। खासकर प्लास्टिक कचरा हिमालयी क्षेत्र के लिए एक बड़ा खतरा बन गया था। इस समस्या से निपटने के लिए आईएमएफ, सुलभ इंटरनेशनल और आईस ने मिलकर एक अभियान शुरू किया।
अभियान के दौरान क्या हुआ?
* कचरा संग्रह: 10 सदस्यीय एक दल ने गुंजी, नावी, रोंगकोंग, कुटी, ज्योलिंगकोंग, गौरी कुण्ड, पार्वती सरोवर, सिनलापास, कालापानी, नावीडांग जैसे स्थानों से 549 बैग कचरा एकत्रित किया। इस कचरे में प्लास्टिक रैपर, प्लास्टिक बोतल, लिकर बोतल, केन आदि शामिल थे।
* जागरूकता अभियान: इस अभियान के दौरान स्थानीय लोगों को भी कचरे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया। लोगों को प्लास्टिक का उपयोग कम करने और कचरे को सही जगह पर फेंकने के लिए प्रेरित किया गया।
* पौधारोपण: दल ने विभिन्न स्थानों पर पौधे भी लगाए।
अभियान में शामिल रहे लोग:
* भारतीय पर्वतारोहण संस्थान की ओर से प्रख्यात पर्वतारोही पुरमल सिंह धर्मशक्तू ने इस दल का नेतृत्व किया।
* सुलभ इंटरनेशनल की ओर से प्रसिद्ध पर्वतारोही सविता महतो ने पर्यवेक्षक के रूप में दल में शामिल रहीं।
* दल में पिथौरागढ़ से प्रसिद्ध पर्वतारोही वासू पाण्डेय, शुभम पार्की, राहुल भट्ट, एवरेस्ट विजेता मनीष कसन्याल, नरेन्द्र सिंह, अभिषेक भण्डारी, तनुजा चुफाल, पल्लवी खर्कवाल, हरियाणा से विकास और आसाम से मनोज शामिल रहे।
यह अभियान क्यों महत्वपूर्ण है?
* यह अभियान हिमालयी क्षेत्र को स्वच्छ रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
* इस अभियान से पर्यटकों को भी जागरूक करने में मदद मिलेगी।
* यह अभियान स्थानीय लोगों को भी पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाएगा।
आगे का रास्ता:
इस अभियान के सफल होने के बाद, आईएमएफ, सुलभ इंटरनेशनल और आईस मिलकर हिमालयी क्षेत्र में ऐसे और भी अभियान चलाने की योजना बना रहे हैं।