नैनीताल
नैनीताल: 3.37 करोड़ की साइबर ठगी! APK फाइल से फ्रॉड करने वाले 4 अंतरराज्यीय आरोपी गिरफ्तार
नैनीताल पुलिस ने एपीके फाइल के ज़रिए देशव्यापी साइबर ठगी करने वाले 4 अंतरराज्यीय जालसाज़ों को हल्द्वानी से दबोचा। 11 खातों से ₹3.37 करोड़ का लेनदेन सामने आया। जानें ठगी का तरीका और पुलिस की कार्रवाई।
नैनीताल। उत्तराखंड की नैनीताल पुलिस को साइबर ठगी के खिलाफ बड़ी सफलता हाथ लगी है। हल्द्वानी में पुलिस ने एक अंतरराज्यीय गिरोह के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी देशभर में फर्जी एपीके फाइल के ज़रिए लोगों को अपना शिकार बना रहे थे। पुलिस की प्रारंभिक जांच में आरोपियों के सिर्फ दो बैंक खातों से ही 3 करोड़ 37 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन की जानकारी सामने आई है। यह खुलासा दर्शाता है कि गिरोह किस बड़े स्तर पर ऑनलाइन धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा था। अन्य नौ खातों की गहनता से छानबीन की जा रही है।
सोशल मीडिया और म्यूल खातों से होता था फ्रॉड
एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि इन जालसाज़ों का तरीका बेहद शातिराना था। आरोपी पहले सोशल मीडिया पर फर्जी एपीके फाइलें भेजते थे। जैसे ही कोई व्यक्ति इस फाइल को डाउनलोड करता, वे उसके मोबाइल का एक्सेस हासिल कर लेते थे। इसके बाद, फोन हैक करके बैंक ट्रांजेक्शन की गोपनीय जानकारी चुराई जाती थी। ठगी की रकम को ‘म्यूल खातों’ में ट्रांसफर किया जाता था। ये खाते कमीशन का लालच देकर किराए पर लिए जाते थे, ताकि ठग खुद पुलिस की पकड़ में न आ सकें। पुलिस ने इनके पास से 11 मोबाइल, 9 सिम कार्ड, 9 डेबिट कार्ड समेत कई अहम दस्तावेज़ बरामद किए हैं।
हिस्सा बांटने आए थे आरोपी, आपसी विवाद से पकड़े गए
आरोपियों की गिरफ्तारी भी एक नाटकीय ढंग से हुई। शनिवार रात तल्लीताल के पास चेकिंग के दौरान एक संदिग्ध कार को रोका गया। कार में सवार चार आरोपी आपस में झगड़ा कर रहे थे। उनका विवाद इतना बढ़ गया था कि आसपास के लोगों को उनकी गतिविधियां संदिग्ध लगीं। सूचना मिलने पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और उन्हें धर दबोचा। एसएसपी ने बताया कि चारों आरोपी अपना-अपना हिसाब-किताब निपटाने के लिए नैनीताल आए थे। गिरोह में सभी की भूमिका अलग-अलग थी: कोई खाता किराये पर लेता था, दो ठगी करते थे, और एक खातों से पैसा निकालने का काम देखता था।
पुलिस की सख्ती और जनता के लिए चेतावनी
गिरफ्तार आरोपियों में शुभम गुप्ता (राजस्थान), पीयूष गोयल (यूपी), ऋषभ कुमार (गाजियाबाद) और मोहित राठी (हरियाणा) शामिल हैं। इन पर दिल्ली समेत कई जगहों पर मामले दर्ज हैं। पुलिस टीम को इस बड़े खुलासे के लिए 5 हज़ार रुपये का इनाम दिया गया है। एसएसपी ने जनता को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि अज्ञात एपीके फाइलों से बचें और किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें। पुलिस की सख्ती जारी रहेगी और कानून को चुनौती देने वाले साइबर अपराधों में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
