देहरादून
पिस्टल निकालकर मारपीट: पूर्व MLA चैंपियन के बेटे दिव्य प्रताप को नोटिस, तीन लाइसेंस रद्द होंगे
उत्तराखंड के राजपुर में पूर्व विधायक प्रणव चैंपियन के बेटे दिव्य प्रताप का पिस्टल से पिटाई का वीडियो वायरल। पुलिस ने एक्शन लिया, दिव्य को नोटिस, तीन हथियार लाइसेंस निरस्त होंगे।
देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के राजपुर थाना क्षेत्र में पूर्व विधायक प्रणव चैंपियन के बेटे दिव्य प्रताप द्वारा पिस्तौल लहराकर एक कार सवार की पिटाई करने का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने त्वरित और कड़ी कार्रवाई की है। इस घटना ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए थे। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि मुख्य आरोपी दिव्य प्रताप को नोटिस जारी कर दिया गया है। उसे तीन दिन के भीतर जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है।
यह घटना 14 नवंबर की रात राजपुर रोड पर मसूरी डायवर्जन के पास हुई थी। वारदात का शिकार बने शख्स पूर्व मुख्य सचिव एस. रामास्वामी के बेटे आर. यशोवर्धन और उनके ड्राइवर हैं। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दिव्य प्रताप और उनके गनर सड़क पर एक व्यक्ति की पिटाई कर रहे हैं, साथ ही गाली-गलौज और धमकी भी दे रहे हैं। शुरुआती प्राथमिकी के बाद, अब मामले में आपराधिक बल प्रयोग करने समेत दो और धाराएं जोड़ी गई हैं।
हथियार लाइसेंस निरस्त और सरकारी गनर निलंबित
एसएसपी अजय सिंह ने सख्त रुख अपनाते हुए बताया कि मौके पर जिन तीन हथियारों का प्रदर्शन किया गया था, उनके लाइसेंस निरस्त करने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है। इस वारदात में शामिल पुलिसकर्मी (गनर) को उसी दिन हरिद्वार एसएसपी के आदेश पर निलंबित कर दिया गया था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और गाड़ी नंबर के आधार पर आरोपियों का पता लगाया।
पीड़ित आर. यशोवर्धन के अनुसार, दिलाराम चौक से साईं मंदिर जाते समय आरोपियों की लैंड क्रूजर और बोलेरो कार ने उन्हें ओवरटेक करने की कोशिश की थी। सड़क पर जगह न होने के कारण जब वे ओवरटेक नहीं दे पाए, तो मसूरी डायवर्जन के पास उनकी कार को जबरन रुकवाया गया और फिर मारपीट की गई।
निजी कार पर हूटर और अन्य कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि आरोपियों द्वारा इस्तेमाल की गई बोलेरो कार सरकारी नहीं, बल्कि एक निजी गाड़ी थी। उस गाड़ी को जब्त (सीज) किया जा चुका है। उस पर अवैध रूप से हूटर लगा होने के कारण अलग से कानूनी कार्रवाई की गई है।
इस मामले में पुलिस की तत्परता से की गई कार्रवाई ने यह संदेश दिया है कि कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, भले ही वह किसी बड़े राजनीतिक परिवार से ही क्यों न हो। लोगों ने पुलिस के इस कड़े रुख का स्वागत किया है।
