यातायात निदेशलाय ने प्रदेश में चलाया 15 दिवसीय अभियान
देहरादून। राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में प्रभावी अंकुश लगाने एवं यातायात के नियमों का उल्लघंन करने वालों के विरुद्व यातायात निदेशलाय उत्तराखण्ड द्वारा समय-समय पर विभिन्न अभियान चलाये गये है जिनका उद्देशय है कि सड़क दुर्घटनाओं में अपेक्षानुरुप कमी लायी जा सके।
प्राय: यह देखने में आया है कि कतिपय निजी वाहनों में अनाधिकृत रुप से नामपट्टिका का प्रयोग किया जा रहा है। पूर्व में अवैध नामपट्टिका का प्रयोग कर वाहन संचालित करने वाले वाहन चालकों के विभिन्न आपराधिक घटनाओं में संलिप्तता भी पायी जाती रही है तथा भविष्य में भी इस प्रकार की घटनाओं की सम्भावना बनी रहती है।
उत्तराखण्ड शासन के शासनादेश संख्या 281/ix/101/2008 दिनांक 17 दिसम्बर 2008 “ सरकारी वाहनों से भिन्न वाहन,जिनमें सरकारी अधिकारियों के नाम से पंजीकृत निजी वाहन भी सम्मिलित है, में रजिस्ट्रेशन प्लेट के अतिरिक्त किसी भी प्रकार की पट्टिका अथवा वाहन की बॉडी पर वाहन का स्वामित्व अथवा प्रयोग करने वाले व्यक्ति से सम्बन्धित कोई शब्द/चिन्ह/संख्या,नहीं लिखी जायेगी। किसी सरकारी अधिकारी,राजनीतिक व्यक्ति,धार्मिक संस्था,विभिन्न संगठन,स्थानीय निकायों तथा पंचायतों के नाम पंजीकृत अथवा उनके प्राधिकारियों के निजी वाहन पर भी नम्बर प्लेट के अतिरिक्त कुछ भी नहीं लिखा जायेगा।” द्वारा निजी वाहनों में नाम पट्टिका न लगाने हेतु स्पष्ट रुप से निर्देश निर्गत किये गये है।
प्राईवेट वाहनों में नाम पट्टिका आदि धारण न करने के सम्बन्ध में माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा भी पूर्व में निर्णय पारित किये गये है। अवैध नामपट्टिका के गलत प्रयोग का संज्ञान लेते हुए श्री मुख्तार मोहसिन, पुलिस महानिरीक्षक /निदेशक यातायात उत्तराखण्ड द्वारा राज्य के समस्त जनपदों को अवैध नामपट्टिका का प्रयोग करनें वाले वाहन चालकों के विरुद्व दिनांक 22.02.2023 से 15 दिवस का सघन अभियान चलाकर प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये गये है।
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